नई दिल्लीः एक जुलाई डॉक्टर डे के उपलक्ष्य में एम्स रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने ब्लड डोनेशन कैम्प के अलावा एक और बड़ा मुहिम शुरू किया है. डॉक्टर इंडियन सिविल सर्विस की तर्ज पर इंडियन मेडिकल सर्विस शुरू करने की मांग कर रहे हैं.
दरअसल उनकी समस्या गैर पेशेवर अधिकारियों से है. क्योंकि इनका मानना है कि जो ब्यूरोक्रेट उनके अधिकारी होते हैं. वो उनकी सेवा और काम करने के तरीकों से वाकिफ नहीं होते हैं. कई बार ईगो क्लेश की भी नौबत आ जाती है. ऐसे में काम करने में दिक्कत होती है.
जानें डॉक्टर्स ने क्या कहा?
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदर्श प्रताप सिंह ने कहा कि मेडिकल प्रोफेशन एक सेंसिटिव प्रोफेशन है. इसे सख्त ब्यूरोक्रेसी से चलाना संभव नहीं है. लेकिन ब्यूरोक्रेट्स चीजों को आसान करने के बजाय उसे और कॉम्प्लिकेटेड बना देते हैं. इसीलिए हम चाहते हैं कि इस डॉक्टर्स डे पर सभी मेडिकल पेशेवर इंडियन मेडिकल सर्विसेज को लागू कराने के लिए अपना योगदान दें.
एम्स आरडीए के पूर्व अध्यक्ष और कार्डियो-रेडियो विभाग के असिसिटेंट प्रोफेसर डॉ. अमरिंदर सिंह ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि अगर आईएमएस सर्विस होती, तो कोई भी डॉक्टर को छूने के बारे में नहीं सोचता. वहीं कोविड-19 जैसी महामारी से भी प्रोफेशनल तरीके से निपटता और चीजें इतनी जटिल नहीं होती.