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धरती के 'भगवान' आप धन्य हो! इमरजेंसी में AIIMS के डॉक्टर्स करेंगे रक्तदान

इमरजेंसी केस में मरीजों को रक्त ढूंढने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा. एम्स के डॉक्टर्स जरूरत पड़ने पर मरीजों को रक्त दान करेगी. इसके लिए डॉक्टरों ने एम्स के डायरेक्टर को पत्र भी लिखा है.

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Published : Jun 27, 2019, 3:19 PM IST

डॉक्टर्स करेंगे रक्तदान

नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टर उपचार के साथ-साथ अब मरीजों को आपातकालीन स्थिति में रक्त भी दान करेंगे. डॉक्टरों के रक्त दान करने से इमरजेंसी केस में मरीजों को रक्त ढूंढने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा.

डॉक्टर्स करेंगे रक्तदान

हाल ही में एक 8 साल की बच्ची की सर्जरी हुई थी. जिसमें बच्ची का रक्त 'ओ' नेगेटिव था, लेकिन उस वक्त एम्स में 'ओ' नेगेटिव ब्लड नहीं था. इस दौरान डॉक्टरों ने अपने पर्सनल वॉटसअप ग्रुप पर इसकी जानकारी साझा की, जिसके बाद डॉ. अपूर्व ने बच्ची को रक्तदान कर एक अनूठी पहल की.

जिसके बाद रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन आने वाले दिनों में जरूरत मंद लोगों की हैल्प लिए रक्तदान करने की भूमिका अदा कर सकती है.

'बनाई जा रही है डायरेक्टरी'
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉक्टर अमरिंदर सिंह ने बताया कि वे लगातार प्रयास करते हैं कि किसी भी मरीज को कोई भी परेशानी ना हो. ऐसे में इससे पहले कई बार डॉक्टर ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर मरीजों को रक्त मुहैया करवाते रहे हैं. कई बार देखा गया है कि रेयर केस में अस्पताल के पास मरीज से संबंधित ब्लड बैंक में रक्त नहीं होता.

ऐसे में हम लोग अब एक डायरेक्टरी तैयार कर रहे हैं, जिसमें सभी डॉक्टर के नाम, ईमेल ऐड्रेस ब्लड ग्रुप और कितने समय पहले उन्होंने रक्तदान किया है. इसकी डायरेक्टरी तैयार की जाएगी. जिससे जरूरत पड़ने पर संबंधित डॉक्टर को बुलाकर मरीज को रक्तदान किया जा सके.

ऐप बनाने की भी है प्लानिंग
मामले में एम्स के डायरेक्टर राजदीप गुलेरिया को एक पत्र लिखित में दे दिया गया है, ताकि सब मिलकर एक साथ खड़े हो सकें.

उन्होंने बताया कि इसके लिए एक ऐप बनवाने की भी तैयारी की जा रही है. जिससे ऐप के माध्यम से एम्स के सभी डॉक्टर मिलकर अपना डाटा उस में फिड कर सकें.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर्स ने मरीजों के उपचार के लिए जो पहल की है वो वाकई सहरानीय है.

नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टर उपचार के साथ-साथ अब मरीजों को आपातकालीन स्थिति में रक्त भी दान करेंगे. डॉक्टरों के रक्त दान करने से इमरजेंसी केस में मरीजों को रक्त ढूंढने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा.

डॉक्टर्स करेंगे रक्तदान

हाल ही में एक 8 साल की बच्ची की सर्जरी हुई थी. जिसमें बच्ची का रक्त 'ओ' नेगेटिव था, लेकिन उस वक्त एम्स में 'ओ' नेगेटिव ब्लड नहीं था. इस दौरान डॉक्टरों ने अपने पर्सनल वॉटसअप ग्रुप पर इसकी जानकारी साझा की, जिसके बाद डॉ. अपूर्व ने बच्ची को रक्तदान कर एक अनूठी पहल की.

जिसके बाद रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन आने वाले दिनों में जरूरत मंद लोगों की हैल्प लिए रक्तदान करने की भूमिका अदा कर सकती है.

'बनाई जा रही है डायरेक्टरी'
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉक्टर अमरिंदर सिंह ने बताया कि वे लगातार प्रयास करते हैं कि किसी भी मरीज को कोई भी परेशानी ना हो. ऐसे में इससे पहले कई बार डॉक्टर ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर मरीजों को रक्त मुहैया करवाते रहे हैं. कई बार देखा गया है कि रेयर केस में अस्पताल के पास मरीज से संबंधित ब्लड बैंक में रक्त नहीं होता.

ऐसे में हम लोग अब एक डायरेक्टरी तैयार कर रहे हैं, जिसमें सभी डॉक्टर के नाम, ईमेल ऐड्रेस ब्लड ग्रुप और कितने समय पहले उन्होंने रक्तदान किया है. इसकी डायरेक्टरी तैयार की जाएगी. जिससे जरूरत पड़ने पर संबंधित डॉक्टर को बुलाकर मरीज को रक्तदान किया जा सके.

ऐप बनाने की भी है प्लानिंग
मामले में एम्स के डायरेक्टर राजदीप गुलेरिया को एक पत्र लिखित में दे दिया गया है, ताकि सब मिलकर एक साथ खड़े हो सकें.

उन्होंने बताया कि इसके लिए एक ऐप बनवाने की भी तैयारी की जा रही है. जिससे ऐप के माध्यम से एम्स के सभी डॉक्टर मिलकर अपना डाटा उस में फिड कर सकें.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर्स ने मरीजों के उपचार के लिए जो पहल की है वो वाकई सहरानीय है.

Intro:इमरजेंसी केस में एम्स के डॉक्टर करंगे अब मरीजो को रक्तदान, बनाई जा रही डाइरेक्टरी

नई दिल्ली: अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टर उपचार के साथ साथ मरीजों को आपातकालीन स्थिति में रक्त भी दान करेंगे. आपको बता दें कि हाल ही में तीन दिन पूर्व एक 8 वर्षीय बच्ची की सर्जरी हुई थी. जिसमें बच्ची का रक्त ओ नेगेटिव रक्त था.लेकिन उस वक्त एम्स में यह ग्रुप का रक्त नहीं था.इस दरमियान डॉक्टरों ने अपने पर्सनल वॉटसअप ग्रुप इसकी जानकारी साझा की.जिसके बाद डॉ अपूर्व ने बच्ची को रक्तदान कर एक अनूठी पहल की. इसी कड़ी में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन अब आगामी दिनों में मरीज को अस्पताल के अंदर अगर रक्त नहीं मिल पाता है तो यहां के डॉक्टर तुरंत मौके पर पहुंचेंगे और रक्त दे सकेंगे.


Body:बनाई जा रही डायरेक्टरी
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉक्टर अमरिंदर सिंह ने बताया कि हम लोग लगातार प्रयास करते हैं कि किसी भी मरीज को उपचार के साथ-साथ अन्य दुविधा नहीं आए. ऐसे में इससे पहले कई बार डॉक्टर ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर मरीजों को रक्त मुहैया करवाते रहे हैं.लेकिन कई बार देखा गया है कि रेयर केस में अस्पताल में कई बार अस्पताल में मरीज से संबंधित ब्लड बैंक में रक्त नहीं होता है. ऐसे में हम लोग अब एक डायरेक्टरी तैयार कर रहे हैं, जिसमें सभी डॉक्टर के नाम, ईमेल ऐड्रेस ब्लड ग्रुप और कितने समय पहले उन्होंने रक्तदान किया है इसकी डायरेक्टरी तैयार की जा रही है.जिससे कि जरूरत पड़ने पर संबंधित डॉक्टर को बुलाकर मरीज को रख दिया जा सके.

ऐप बनाने की भी है प्लानिंग
वहीं इस बाबत ब्लड डायरेक्टरी को तैयार किया जा रहा है बल्कि एम्स के डायरेक्टर राजदीप गुलेरिया को लेटर लिखित में दिया गया है जिससे कि सब मिलकर एक साथ खड़े हो सकें. उन्होंने बताया कि इसके लिए एक ऐप बनवाने की भी तैयारी की जा रही है.जिससे कि ऐप के माध्यम से एम्स के सभी डॉक्टर मिलकर अपना डाटा उस में फिट कर सके और जरूरत पड़ने पर उसको खोज कर जानकारी जुटा सकें.


Conclusion:फिलहाल जिस तरीके से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर्स ने मरीजों को उपचार के साथ साथ रक्तदान करने की पहल दिखाई है. वह स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मरीजों के लिए बढ़ी भूमिका अदा कर सकेगा. ऐसे में कई मरीज जिन्हें रक्त नहीं मिल पाता है उन्हें जरूरत पड़ने पर रक्त मिलेगा.

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