नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टर उपचार के साथ-साथ अब मरीजों को आपातकालीन स्थिति में रक्त भी दान करेंगे. डॉक्टरों के रक्त दान करने से इमरजेंसी केस में मरीजों को रक्त ढूंढने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा.
हाल ही में एक 8 साल की बच्ची की सर्जरी हुई थी. जिसमें बच्ची का रक्त 'ओ' नेगेटिव था, लेकिन उस वक्त एम्स में 'ओ' नेगेटिव ब्लड नहीं था. इस दौरान डॉक्टरों ने अपने पर्सनल वॉटसअप ग्रुप पर इसकी जानकारी साझा की, जिसके बाद डॉ. अपूर्व ने बच्ची को रक्तदान कर एक अनूठी पहल की.
जिसके बाद रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन आने वाले दिनों में जरूरत मंद लोगों की हैल्प लिए रक्तदान करने की भूमिका अदा कर सकती है.
'बनाई जा रही है डायरेक्टरी'
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉक्टर अमरिंदर सिंह ने बताया कि वे लगातार प्रयास करते हैं कि किसी भी मरीज को कोई भी परेशानी ना हो. ऐसे में इससे पहले कई बार डॉक्टर ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर मरीजों को रक्त मुहैया करवाते रहे हैं. कई बार देखा गया है कि रेयर केस में अस्पताल के पास मरीज से संबंधित ब्लड बैंक में रक्त नहीं होता.
ऐसे में हम लोग अब एक डायरेक्टरी तैयार कर रहे हैं, जिसमें सभी डॉक्टर के नाम, ईमेल ऐड्रेस ब्लड ग्रुप और कितने समय पहले उन्होंने रक्तदान किया है. इसकी डायरेक्टरी तैयार की जाएगी. जिससे जरूरत पड़ने पर संबंधित डॉक्टर को बुलाकर मरीज को रक्तदान किया जा सके.
ऐप बनाने की भी है प्लानिंग
मामले में एम्स के डायरेक्टर राजदीप गुलेरिया को एक पत्र लिखित में दे दिया गया है, ताकि सब मिलकर एक साथ खड़े हो सकें.
उन्होंने बताया कि इसके लिए एक ऐप बनवाने की भी तैयारी की जा रही है. जिससे ऐप के माध्यम से एम्स के सभी डॉक्टर मिलकर अपना डाटा उस में फिड कर सकें.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर्स ने मरीजों के उपचार के लिए जो पहल की है वो वाकई सहरानीय है.