नई दिल्ली: दिल्ली के महरौली बस स्टैंड के पास लगातार 5वें दिन डीडीए की कार्रवाई जारी है. बता दें कि डीडीए की तरफ से महरौली के अलग-अलग इलाकों में 10 फरवरी से कार्रवाई जारी है. जिन लोगों के घरों और दुकानों को डीडीए के द्वारा तोड़ा गया है. उनका कहना है कि डीडीए जिन मकानों और दुकानों को अवैध बताकर तोड़ रही है. यह बिल्कुल गलत तरीका है. हमारे पास अपने मकानों और दुकानों के पक्के कागजात हैं. बिजली का बिल है, फिर भी उनके घरों को अवैध बताकर तोड़ा जा रहा है. कोई भी अधिकारी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है. आज यह नौबत आ गई है कि हमारे घरों को तोड़ दिया गया है और अब हमारे पास रहने के लिए कुछ नहीं है.
वहीं, ईटीवी भारत से बात करते हुए पीड़ितों ने बताया कि आज हमारे घर और दुकानों को डीडीए ने अवैध बताकर तोड़ दिया, लेकिन हमारे पास जमीन के स्वामित्व का अधिकार है. इसके बाद भी हमारे कागजातों को बिना देखे डीडीए के अधिकारियों ने हमारे घरों को तोड़ दिया, जिसकी वजह से हम गुरुद्वारे में शरण लेने को मजबूर हैं.
कुछ महिलाओं ने बताया कि उनके बच्चे 10वीं और 12वीं क्लास में हैं. उनके बोर्ड की परीक्षाएं हैं, लेकिन बेघर होने के चलते उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. उन्होंने उपराज्यपाल से गुहार लगाते हुए कहा कि कृपा करके डीडीए की कार्रवाई रोकें नहीं तो पूरा महरौली तबाह और बर्बाद हो जाएगा.
बतातें चलें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने महरौली माइनॉरिटी रेजिडेंट एंड शॉप ऑनर वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर नोटिस जारी किया है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी. वहीं इस मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगा दिया है. डीडीए की ये कार्रवाई दोबारा सीमांकन के बाद शुरू की जाएगी.
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