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JNU: ABVP ने वीर सावरकर मार्ग के बोर्ड पर लगी कालिख को साफ किया

जेएनयू में वीर सावरकर के नाम पर बनी सड़क अब विवाद का रुख ले रही है. इसी दौरान बोर्ड पर कालिख पोती गई जिसे एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने साफ किया. उन्होंने कहा कि वामपंथ के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे.

ABVP swipe soot over veer savarkar name at JNU in delhi
JNU में वीर सावरकर पर विवाद
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Published : Mar 17, 2020, 9:57 PM IST

Updated : Mar 17, 2020, 10:02 PM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में वीर सावरकर के नाम पर सड़क का नाम रखे जाने को लेकर विवाद हो गया था. जिसके चलते कुछ छात्रों ने वीर सावरकर के नाम पर कालिख पोत दी थी और उस पर जिन्ना मार्ग और बीआर अंबेडकर का नाम लिखा था. जिसको लेकर एबीवीपी और जेएनयू छात्रसंघ के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला.

JNU में वीर सावरकर पर विवाद

'कालिख पोतना देश विरोधी मानसिकता को है दर्शाता'

मंगलवार देर शाम एबीवीपी के छात्रों ने वीर सावरकर के नाम वाले बोर्ड पर लगी कालिख को साफ करने का दावा किया और कहा कि कालिख पोतना वामपंथी की देश विरोधी मानसिकता को दर्शाता है लेकिन एबीवीपी उनके मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने देगी.

'जेएनयू में सावरकर की कोई जगह है नहीं'

जेएनयू में एक सड़क के नाम को विनायक दामोदर सावरकर का नाम देने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब नया ही मोड़ ले रहा है. पहले कुछ छात्रों ने वीर सावरकर के नाम पर कालिख पोत दी थी उसके बाद जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने सावरकर को अंग्रेजों का चाटुकार बताया था और कहा था कि उनके लिए जेएनयू में कोई जगह नहीं है और उनकी जगह संविधान देने वाले बीआर अंबेडकर का नाम लिख दिया था.

'कालिख पोतना तुच्छ मानसिकता को है दर्शाता'

इस घटना को लेकर एबीवीपी की ओर से वामपंथी विचारधारा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया था. वहीं इसको लेकर जेएनयू एबीवीपी इकाई के पूर्व मंत्री मनीष जांगिड़ ने कहा कि विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर जेएनयू में मार्ग बना. उस बोर्ड पर वामपंथियों ने कालिख पोती, उस पर जिन्ना मार्ग लिखा जो इनकी तुच्छ मानसिकता को बताता है. इस बोर्ड को आज पुनः साफ किया. जब तक एबीवीपी के कार्यकर्ता जेएनयू में है तब तक इनके देशविरोधी मंसूबों को पूरा नहीं होने देंगे.

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में वीर सावरकर के नाम पर सड़क का नाम रखे जाने को लेकर विवाद हो गया था. जिसके चलते कुछ छात्रों ने वीर सावरकर के नाम पर कालिख पोत दी थी और उस पर जिन्ना मार्ग और बीआर अंबेडकर का नाम लिखा था. जिसको लेकर एबीवीपी और जेएनयू छात्रसंघ के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला.

JNU में वीर सावरकर पर विवाद

'कालिख पोतना देश विरोधी मानसिकता को है दर्शाता'

मंगलवार देर शाम एबीवीपी के छात्रों ने वीर सावरकर के नाम वाले बोर्ड पर लगी कालिख को साफ करने का दावा किया और कहा कि कालिख पोतना वामपंथी की देश विरोधी मानसिकता को दर्शाता है लेकिन एबीवीपी उनके मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने देगी.

'जेएनयू में सावरकर की कोई जगह है नहीं'

जेएनयू में एक सड़क के नाम को विनायक दामोदर सावरकर का नाम देने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब नया ही मोड़ ले रहा है. पहले कुछ छात्रों ने वीर सावरकर के नाम पर कालिख पोत दी थी उसके बाद जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने सावरकर को अंग्रेजों का चाटुकार बताया था और कहा था कि उनके लिए जेएनयू में कोई जगह नहीं है और उनकी जगह संविधान देने वाले बीआर अंबेडकर का नाम लिख दिया था.

'कालिख पोतना तुच्छ मानसिकता को है दर्शाता'

इस घटना को लेकर एबीवीपी की ओर से वामपंथी विचारधारा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया था. वहीं इसको लेकर जेएनयू एबीवीपी इकाई के पूर्व मंत्री मनीष जांगिड़ ने कहा कि विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर जेएनयू में मार्ग बना. उस बोर्ड पर वामपंथियों ने कालिख पोती, उस पर जिन्ना मार्ग लिखा जो इनकी तुच्छ मानसिकता को बताता है. इस बोर्ड को आज पुनः साफ किया. जब तक एबीवीपी के कार्यकर्ता जेएनयू में है तब तक इनके देशविरोधी मंसूबों को पूरा नहीं होने देंगे.

Last Updated : Mar 17, 2020, 10:02 PM IST
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