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आप ने MCD पर लगाए ऑडिटिंग बंद कर 6000 करोड़ के घोटाले का आरोप

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Published : Feb 28, 2022, 2:36 PM IST

आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया है कि लगभग 6000 करोड़ का घोटाला पकड़े जाने के बाद से बीजेपी एमसीडी ने एक भी ऑडिट रिपोर्ट नहीं छापा है. वर्ष 2017-2018 की ऑडिट रिपोर्ट में नॉर्थ एमसीडी के लगभग 3153 करोड़ के भुगतान, ईस्ट एमसीडी के 1252 करोड़ के भुगतान और साउथ एमसीडी के 1696 करोड़ के भुगतान पर खुद एमसीडी के ऑडिटर ने आपत्ति जताई.

AAP allegation on MCD
AAP allegation on MCD

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी का आरोप है कि भाजपा शासित एमसीडी हज़ारों करोड़ों का घोटाला छुपाने के लिए पिछले चार वर्षों से ऑडिट रिपोर्ट नहीं छाप रही है. 'आप' प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि वर्ष 2017-2018 की ऑडिट रिपोर्ट में खुद एमसीडी के ऑडिटर ने लगभग 6000 करोड़ के भुगतान पर आपत्ति जताई थी. जिसके बाद से एमसीडी ने ऑडिट रिपोर्ट छापनी बंद कर दी है. आम आदमी पार्टी ने कई पत्र भेजे और व्यक्तिगत मुलाकात भी की लेकिन बीजेपी एमसीडी की और से कोई जवाब नहीं आया. दुर्गेश पाठक ने संदेह जाहिर किया कि भाजपा ऐसा कौन सा भ्रष्टाचार छुपाने की कोशिश कर रही है जो पिछले चार सालों से ऑडिट रिपोर्ट नहीं छाप रही है.

दुर्गेश ने बताया कि जब भी एमसीडी का बजट आता है और उसकी जो प्रक्रिया होती है, उसी बजट के साथ एक ऑडिट रिपोर्ट भी आती है, लेकिन पिछले कई सालों से भाजपा की एमसीडी अपनी ऑडिट रिपोर्ट नहीं जारी कर रही है. हमारे एलओपी कई पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई जवाबदेही नहीं है. हमेशा यह कहा जाता था कि कोविड के कारण ऑडिट रिपोर्ट नहीं बन पा रही है. जब बजट बन सकता है, दिल्ली सरकार अपना ऑडिट निकाल सकती है, एमसीडी अपनी ऑडिट रिपोर्ट क्यों नहीं निकाल सकती है?

आप का एमसीडी पर आरोप

ये भी पढ़ें: साउथ एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट पर बवाल, बीजेपी के खिलाफ ACB जाएगी आम आदमी पार्टी

आप प्रभारी दुर्गेश पाठक ने बताया कि पिछली ऑडिट रिपोर्ट 2017-2018 की थी. इसमें लगभग 38 पन्ने थे. मैं पहले नॉर्थ का बनाता हूं. नॉर्थ एमसीडी में लगभग 3153 करोड़ रुपये के भुगतान की प्रक्रिया पर प्रश्न उठे थे. ईस्ट एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट में 1252 करोड़ रुपये के भुगतान पर प्रश्न उठा था और साउथ एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट में लगभग 1696 करोड़ के भुगतान में घपलेबाजी पर प्रश्न उठे थे. इसका कुल लगभग 6000 करोड़ रुपये बनता है. खुद एमसीडी के ऑडिटर ने कहा कि यह मेरी रिपोर्ट नहीं बल्कि एमसीडी की रिपोर्ट है. इसके बाद एमसीडी ने ऑडिट रिपोर्ट छापना बंद कर दिया. इसका मतलब इसमें बहुत बड़े घोटाले का अंदेशा है.

ये भी पढ़ें: ऑडिट रिपोर्ट: 'AAP' के आरोपों पर BJP का जवाब- आरोप लगाने वाले अपने गिरेबां में झांके

दुर्गेश पाठक कहना है कि वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा के मेयर, भाजपा के सभी नेताओं से पूछना चाहते हैं कि आप छुपाना क्या चाहते हैं ? आपने कितना बड़ा भ्रष्टाचार किया है जो आप ऑडिट रिपोर्ट नहीं छाप रहे हैं. पिछले चार सालों में ऐसा क्या किया है जो आप ऑडिट रिपोर्ट नहीं छापना चाहते हैं? यदि एक वर्ष के ऑडिट रिपोर्ट में लगभग 6000 करोड़ की आपत्ति हो सकती है तो आप सोचिए इस पूरे कार्यकाल में लगभग 30 से 35 हज़ार के घोटाले पर यह लोग काम कर रहे होंगे.

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नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी का आरोप है कि भाजपा शासित एमसीडी हज़ारों करोड़ों का घोटाला छुपाने के लिए पिछले चार वर्षों से ऑडिट रिपोर्ट नहीं छाप रही है. 'आप' प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि वर्ष 2017-2018 की ऑडिट रिपोर्ट में खुद एमसीडी के ऑडिटर ने लगभग 6000 करोड़ के भुगतान पर आपत्ति जताई थी. जिसके बाद से एमसीडी ने ऑडिट रिपोर्ट छापनी बंद कर दी है. आम आदमी पार्टी ने कई पत्र भेजे और व्यक्तिगत मुलाकात भी की लेकिन बीजेपी एमसीडी की और से कोई जवाब नहीं आया. दुर्गेश पाठक ने संदेह जाहिर किया कि भाजपा ऐसा कौन सा भ्रष्टाचार छुपाने की कोशिश कर रही है जो पिछले चार सालों से ऑडिट रिपोर्ट नहीं छाप रही है.

दुर्गेश ने बताया कि जब भी एमसीडी का बजट आता है और उसकी जो प्रक्रिया होती है, उसी बजट के साथ एक ऑडिट रिपोर्ट भी आती है, लेकिन पिछले कई सालों से भाजपा की एमसीडी अपनी ऑडिट रिपोर्ट नहीं जारी कर रही है. हमारे एलओपी कई पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई जवाबदेही नहीं है. हमेशा यह कहा जाता था कि कोविड के कारण ऑडिट रिपोर्ट नहीं बन पा रही है. जब बजट बन सकता है, दिल्ली सरकार अपना ऑडिट निकाल सकती है, एमसीडी अपनी ऑडिट रिपोर्ट क्यों नहीं निकाल सकती है?

आप का एमसीडी पर आरोप

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आप प्रभारी दुर्गेश पाठक ने बताया कि पिछली ऑडिट रिपोर्ट 2017-2018 की थी. इसमें लगभग 38 पन्ने थे. मैं पहले नॉर्थ का बनाता हूं. नॉर्थ एमसीडी में लगभग 3153 करोड़ रुपये के भुगतान की प्रक्रिया पर प्रश्न उठे थे. ईस्ट एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट में 1252 करोड़ रुपये के भुगतान पर प्रश्न उठा था और साउथ एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट में लगभग 1696 करोड़ के भुगतान में घपलेबाजी पर प्रश्न उठे थे. इसका कुल लगभग 6000 करोड़ रुपये बनता है. खुद एमसीडी के ऑडिटर ने कहा कि यह मेरी रिपोर्ट नहीं बल्कि एमसीडी की रिपोर्ट है. इसके बाद एमसीडी ने ऑडिट रिपोर्ट छापना बंद कर दिया. इसका मतलब इसमें बहुत बड़े घोटाले का अंदेशा है.

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दुर्गेश पाठक कहना है कि वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा के मेयर, भाजपा के सभी नेताओं से पूछना चाहते हैं कि आप छुपाना क्या चाहते हैं ? आपने कितना बड़ा भ्रष्टाचार किया है जो आप ऑडिट रिपोर्ट नहीं छाप रहे हैं. पिछले चार सालों में ऐसा क्या किया है जो आप ऑडिट रिपोर्ट नहीं छापना चाहते हैं? यदि एक वर्ष के ऑडिट रिपोर्ट में लगभग 6000 करोड़ की आपत्ति हो सकती है तो आप सोचिए इस पूरे कार्यकाल में लगभग 30 से 35 हज़ार के घोटाले पर यह लोग काम कर रहे होंगे.

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