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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला: ब्रजेश ठाकुर समेत 19 दोषी करार, एक आरोपी बरी - बिहार सरकार

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में कोर्ट ने दस आरोपियों को पॉक्सो और गैंगरेप का दोषी करार दिया. वहीं कोर्ट ने 9 महिला आरोपियों को आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना.

19 accused, including Brajesh Thakur convicted in Muzaffarpur shelter home case
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला
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Published : Jan 20, 2020, 3:59 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत दस आरोपियों को पॉक्सो और गैंगरेप का दोषी करार दिया. वहीं कोर्ट ने 9 महिला आरोपियों को आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला

उम्रकैद तक की सजा हो सकती है
एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने जिन आरोपियों को दोषी करार दिया, उनमें उन्हें उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. कोर्ट ने कहा कि शेल्टर होम में रहनेवाली नाबालिग लड़कियों के साथ कई बार रेप हुए. कोर्ट ने इस मामले में एक आरोपी को दोषमुक्त कर दिया. कोर्ट आरोपियों की सजा पर दोनों पक्षों की दलीलें 28 जनवरी को सुनेगा.

फैसला सुनाने के समय रो पड़े आरोपी
आज कोर्ट जब फैसला सुना रहा था, उस समय आरोपी कोर्ट में ही रोने लगे. एक आरोपी ने कोर्ट ने कहा कि हमने किसी को हाथ भी नहीं लगाया. कुछ आरोपियों ने कोर्ट से रहम की मांग की. इस मामले में कोर्ट इसके पहले तीन बार किसी न किसी वजह से फैसला टाल चुका है.

सभी 20 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 20 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. अभियुक्तों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है. सभी केस भ्रमपूर्ण हैं. न कोई घटना की तिथि है और न ही समय और स्थान. आरोपियों की तरफ से कहा गया था कि सभी पीड़ितों ने पहली बार कोर्ट में ही बयान दिया. कोर्ट के पहले पीड़ितों ने पुलिस या मजिस्ट्रेट या सीबीआई को कोई बयान नहीं दिया.

25 फरवरी 2019 से शुरू हुई थी सुनवाई
इस मामले में साकेत कोर्ट ने पिछले 25 फरवरी से सुनवाई शुरु की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए. पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. कोर्ट ने आरोपियों पर यौन उत्पीड़न, आपराधिक साजिश, पॉस्को एक्ट की धारा 3, 5 और 6 के सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था. इस मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 20 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

कौन-कौन हैं आरोपी
इस मामले में सीबीआई ने जिन लोगों को आरोपी बनाया गया था उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह, अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत दस आरोपियों को पॉक्सो और गैंगरेप का दोषी करार दिया. वहीं कोर्ट ने 9 महिला आरोपियों को आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला

उम्रकैद तक की सजा हो सकती है
एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने जिन आरोपियों को दोषी करार दिया, उनमें उन्हें उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. कोर्ट ने कहा कि शेल्टर होम में रहनेवाली नाबालिग लड़कियों के साथ कई बार रेप हुए. कोर्ट ने इस मामले में एक आरोपी को दोषमुक्त कर दिया. कोर्ट आरोपियों की सजा पर दोनों पक्षों की दलीलें 28 जनवरी को सुनेगा.

फैसला सुनाने के समय रो पड़े आरोपी
आज कोर्ट जब फैसला सुना रहा था, उस समय आरोपी कोर्ट में ही रोने लगे. एक आरोपी ने कोर्ट ने कहा कि हमने किसी को हाथ भी नहीं लगाया. कुछ आरोपियों ने कोर्ट से रहम की मांग की. इस मामले में कोर्ट इसके पहले तीन बार किसी न किसी वजह से फैसला टाल चुका है.

सभी 20 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 20 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. अभियुक्तों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है. सभी केस भ्रमपूर्ण हैं. न कोई घटना की तिथि है और न ही समय और स्थान. आरोपियों की तरफ से कहा गया था कि सभी पीड़ितों ने पहली बार कोर्ट में ही बयान दिया. कोर्ट के पहले पीड़ितों ने पुलिस या मजिस्ट्रेट या सीबीआई को कोई बयान नहीं दिया.

25 फरवरी 2019 से शुरू हुई थी सुनवाई
इस मामले में साकेत कोर्ट ने पिछले 25 फरवरी से सुनवाई शुरु की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए. पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. कोर्ट ने आरोपियों पर यौन उत्पीड़न, आपराधिक साजिश, पॉस्को एक्ट की धारा 3, 5 और 6 के सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था. इस मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 20 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

कौन-कौन हैं आरोपी
इस मामले में सीबीआई ने जिन लोगों को आरोपी बनाया गया था उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह, अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत दस आरोपियों को पॉक्सो और गैंगरेप का दोषी करार दिया। कोर्ट ने 9 महिला आरोपियों को आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना ।


Body:उम्रकैद तक की सजा हो सकती है
एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने जिन आरोपियों को दोषी करार दिया उनमें उन्हें उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
कोर्ट ने कहा कि शेल्टर होम में रहनेवाली नाबालिग लड़कियों के साथ कई बार रेप हुए। कोर्ट ने इस मामले में एक आरोपी को दोषमुक्त कर दिया । कोर्ट आरोपियों की सजा पर दोनों पक्षों की दलीलें 28 जनवरी को सुनेगा।
फैसला सुनाने के समय रो पड़े आरोपी
आज कोर्ट जब फैसला सुना रहा था उस समय आरोपी कोर्ट में ही रोने लगे । एक आरोपी ने कोर्ट ने कहा कि हमने किसी को हाथ भी नहीं लगाया । कुछ आरोपियों ने कोर्ट से रहम की मांग की । इस मामले में कोर्ट इसके पहले तीन बार किसी न किसी वजह से फैसला टाल चुका है।
सभी 20 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 20 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। अभियुक्तों की ओर से कहा गया  था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है। सभी केस भ्रमपूर्ण हैं । न कोई घटना की तिथि है और न ही समय और स्थान। आरोपियों की तरफ से कहा गया था कि सभी पीड़ितों ने पहली बार कोर्ट में ही बयान दिया। कोर्ट के पहले पीड़ितों ने पुलिस या मजिस्ट्रेट या सीबीआई को कोई बयान नहीं दिया।
25 फरवरी 2019 से शुरू हुई थी सुनवाई
इस मामले में साकेत कोर्ट ने पिछले 25 फरवरी से सुनवाई शुरु की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए। पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। कोर्ट ने आरोपियों पर यौन उत्पीड़न, आपराधिक साजिश, पॉस्को एक्ट की धारा 3, 5 और 6 के सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था । इस मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 20 लोगों को आरोपी बनाया गया है। 



Conclusion:कौन-कौन हैं आरोपी
इस मामले में सीबीआई ने जिन लोगों को आरोपी बनाया गया था उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह , अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं।
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