नई दिल्ली: 8 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी में शामिल एक आरोपी को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान प्रेम रत्न शर्मा के तौर पर हुई, जो नागौर, राजस्थान का रहने वाला है. वह महज बारहवीं कक्षा तक पढ़ा है. पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद पूछताछ के लिए दो दिन के रिमांड पर लिया है. आरोपी खुद को पूर्वोतर राज्यों की सरकार में आईएसएस अधिकारी होने का दावा करता था. उसने मणिपुर और नागालैंड में सरकारी टेंडर दिलाने का झांसा देकर दो लोगों के साथ ठगी की थी.
आर्थिक अपराध शाखा एमआई हैदर ने बताया आरोपी ने दिल्ली के एक पॉश एरिया में किराए का ऑफिस ले रखा था. यहां उसने जोजी रेड्डी के माध्यम से खुद को पीड़ितों के सामने उतर पूर्व क्षेत्र राज्य सरकार में आईएएस अधिकारी के तौर पर पेश किया था. उसने पीड़ित लोगों को प्रेरित किया कि वह नागालैंड सरकार से एलईडी बल्ब की आपूर्ति के लिए 58.49 करोड़ और मणिपुर सरकार से 27.40 करोड़ रुपए का आर्डर प्रदान करेगा. बाद में सिक्योरिटी के नाम 8 करोड़ रुपए दोनों शिकायतकर्ताओं से वसूल लिए गए. विश्वास में लेने के लिए पीड़ितों को नागालैंड और मणिपुर सरकार के फर्जी वर्क आर्डर के दस्तावेज पकड़ा दिए और ऑफिस बंद कर अंडरग्राउंड हो गया.
इस बाबत मिली शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु की. आरोपी को पकड़ने के लिए एलओसी खोले जाने के साथ उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट इश्यू कराए गए. इसके अलावा अंडर सेक्शन 82 सीआरपीसी की धारा के तहत भी कार्रवाई शुरु कर दी. आरोपी के बारे में एक इनपुट मिला कि उसे कोलकाता एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया है. यह पता चलते ही पुलिस ने वहां पहुंच उसे अरेस्ट कर लिया.
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आरोपी ने बारहवीं तक पढ़ाई करने के बाद असम की एक कंपनी में काम करना शुरू किया. वह उतर पूर्वी क्षेत्र के सरकारी विभागों में समन शर्मा के जरिए लाइजनिंग का काम करने लगा. उसने रुद्राक्ष मूवीज के नाम से एक प्राेपराइटरशिप फर्म बनाई और ठगी की रकम को एकत्रित किया. उसके बैंक खाते में 48 लाख रुपए होने का पता चला है.
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