नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार विकास कार्यों का दावा तो करती है पर हकीकत कुछ और ही है. बता दें कि लोधी कॉलोनी के पास स्थित बीके दत्त कॉलोनी इसका एक बेहतरीन उदाहरण है. यहां दो करोड़ रुपये खर्च कर पानी की लाइन बिछाई गई लेकिन डेढ़ साल बाद भी लोगों को पानी नहीं मिला है. मजेदार बात ये है कि यह विधानसभा क्षेत्र भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का है और जल बोर्ड व एनडीएमसी के मुखिया भी केजरीवाल ही हैं.
दो करोड़ की लाइन से भी नहीं मिला पानी
लोधी कॉलोनी के पास स्थित ये बीके दत्त कॉलोनी है जो एक पुनर्वास कॉलोनी है. जाहिर सी बात है कि यहां मकान से लेकर पानी की पाइप लाइन तक सब पुराने हैं. इसलिए सुबह-शाम पानी आने के बाद भी यहां अक्सर पानी की किल्लत हुई रहती है. इसे देखते हुए करीब दो साल पहले यहां पानी की नई पाइप लाइन डाली गई. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार पाइप लाइन डालने में 1,55,21,033 रुपये खर्च कर दिए गए. फिर उस पाइप लाइन को घरों से जोड़ने में 54,93,687 रुपये और खर्च किए गए. इसके बाद भी कॉलोनी में पानी की स्थिति ढाक के तीन पात जैसी ही है.
री-डेवलपमेंट की उठ रही है मांग
स्थानीय निवासियों का कहना है कि घरों से कनेक्शन नहीं होने की वजह से अधिकांश पाईप जमीन में दब गए हैं. लोगों का कहना है कि यहां पानी के साथ ही कई अन्य समस्याएं भी हैं. मकान पुराने होने और अवैध निर्माण के बोझ की वजह से दरकने लगे हैं. इसलिए अब यहां पास की अन्य कालोनियों की तरह री-डेवलपमेंट की मांग उठने लगी है.