नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली को अंग्रेजों से 134 दिनों तक आजाद कराने वाले बल्लभगढ़ के राजा और स्वतंत्रता सेनानी राजा नाहर के बलिदान दिवस पर चांदनी चौक में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में शामिल लोगों ने राजा नाहर सिंह को लेकर संग्रहालय बनाने की मांग की है.
लोगों ने दी श्रद्धांजलि
शहीद राजा नाहर सिंह को लेकर दिल्ली में कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं होता, लेकिन कुछ समाजसेवी हर साल अपने स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. इस बार उनके 163वें बलिदान दिवस के अवसर पर उनके बलिदान स्थल चांदनी चौक में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
प्रतिमा पर लोगों ने अर्पित की पुष्पांजलि
यहां हवन किया गया और उनकी प्रतिमा पर लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की. लोगों का कहना है कि दिल्ली में राजा नाहर सिंह को लेकर कोई सरकारी प्रतिमा या संग्रहालय नहीं है. चांदनी चौक में भी जो प्रतिमा लगी है उसे इन्हीं लोगों ने अपने निजी प्रयासों से लगवाया है. इसलिए इन लोगों की मांग है कि दिल्ली में राजा नाहर सिंह से संबंधित एक संग्रहालय का निर्माण हो, ताकि आने वाले पीढ़ी को इसकी जानकारी मिल सके.
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समझौते के नाम पर दी गई फांसी
बताया जाता है कि 1857 के गदर के दौरान राजा नाहर सिंह ने दिल्ली को अंग्रेजों की गुलामी से 134 दिनों तक आजाद रखा था. इस दौरान बड़ी संख्या में अंग्रेज मारे गए थे. बाद में अंग्रेजों ने समझौते के नाम पर राजा नाहर सिंह को बुलाया और फिर कैद कर लिया. बताया जाता है कि अंग्रेजों ने इनसे माफी मांगने को कहा, लेकिन उनके मना करने पर उन्हें चांदनी चौक में ही फांसी की सजा देे दी थी.