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दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के बाहर बिक रहा है गुटखा-सिगरेट, प्रशासन अनजान

पूर्वी दिल्ली के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के बाहर खुलेआम गुटखा और सिगरेट बेची जा रही है. लेकिन प्रशासन इसको लेकर अनजान बना हुआ है.

कैंसर अस्पताल के बाहर बिक रहा गुटखा
कैंसर अस्पताल के बाहर बिक रहा गुटखा
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Published : Feb 4, 2021, 2:33 AM IST

नई दिल्ली: तम्बाकू और तम्बाकू उत्पादन के प्रयोगों से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. ये तो सभी जानते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पूर्वी दिल्ली में दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के बाहर ही खुलेआम गुटखा और सिगरेट बिक रही है.

कैंसर इस्टीट्यूट के बाहर बिक रहा गुटखा


40 साल से कम आयु के लोगों में बढ़ रहा है चलन
दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के मेडिकल ऑनकोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रज्ञा शुक्ला बताती हैं कि दिल्ली में कैंसर मरीजों के ट्रेंड में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा था. पहले जहां यह बीमारी 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में देखी जाती थी. वहीं अब स्थिति ठीक उलट हो गई है. अब तो यहां ओपीडी में आने वाले करीब 80 फीसदी मरीज 40 साल से कम उम्र के आ रहे हैं. इनमे में भी मुंह और गले के कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा रहती है.

ये भी पढ़ें- स्वामी ओम का दिल्ली में निधन, बिग बॉस से आए थे चर्चा में


ब्रेस्ट कैंसर का भी बदला ट्रेंड
डॉ. शुक्ला की मानें तो उम्र का यह ट्रेंड केवल मुंह और गले के कैंसर में ही नहीं बल्कि महिलाओं में होने वाले स्तन और सर्वाइकल कैंसर के मामले में भी देखा जा रहा है. देर से शादी और देर से बच्चा पैदा करने के साथ ही बच्चों को दूध नहीं पिलाने की वजह से अब 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में भी कैंसर के मामले देखने को मिल रहे हैं.

नई दिल्ली: तम्बाकू और तम्बाकू उत्पादन के प्रयोगों से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. ये तो सभी जानते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पूर्वी दिल्ली में दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के बाहर ही खुलेआम गुटखा और सिगरेट बिक रही है.

कैंसर इस्टीट्यूट के बाहर बिक रहा गुटखा


40 साल से कम आयु के लोगों में बढ़ रहा है चलन
दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के मेडिकल ऑनकोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रज्ञा शुक्ला बताती हैं कि दिल्ली में कैंसर मरीजों के ट्रेंड में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा था. पहले जहां यह बीमारी 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में देखी जाती थी. वहीं अब स्थिति ठीक उलट हो गई है. अब तो यहां ओपीडी में आने वाले करीब 80 फीसदी मरीज 40 साल से कम उम्र के आ रहे हैं. इनमे में भी मुंह और गले के कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा रहती है.

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ब्रेस्ट कैंसर का भी बदला ट्रेंड
डॉ. शुक्ला की मानें तो उम्र का यह ट्रेंड केवल मुंह और गले के कैंसर में ही नहीं बल्कि महिलाओं में होने वाले स्तन और सर्वाइकल कैंसर के मामले में भी देखा जा रहा है. देर से शादी और देर से बच्चा पैदा करने के साथ ही बच्चों को दूध नहीं पिलाने की वजह से अब 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में भी कैंसर के मामले देखने को मिल रहे हैं.

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