नई दिल्ली: स्थानीय निगम पार्षद इंदिरा झा बताती हैं कि सीमापुरी श्मशान घाट के 5 किलोमीटर के दायरे में कोई दूसरा श्मशान घाट नहीं है. वहीं इसके आस-पास 5 अस्पताल हैं, जिसमें से दो कोरोना के अस्पताल भी हैं. ऐसे में मई महीने में यहां अंतिम संस्कार में काफी दिक्कतें आई थी. शवों के संस्कार के लिए लंबी लंबी लाइन लगती थी और 24 24 घंटे इंतजार करना पड़ता था. इसे देखते हुए 47 लाख रुपए के बजट से इसका नवीनीकरण शुरू किया गया था. इसी के तहत यह फव्वारा भी लगाया गया है.
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इंदिरा झा बताती हैं कि पहले यहां अंतिम संस्कार के लिए सिर्फ तीन शेड ही थे, जो जर्जर स्थिति में थे. नवीनीकरण के तहत जहां उन तीन शेड की मरम्मत की गई, वहीं 6 नए शेड बनाए गए. इसके साथ श्राद्ध कर्म के लिए यहां एक कर्मस्थली भी बनाई गई है. इस काम को दिसंबर महीने तक ही पूरा होना था, लेकिन इसके पूरा होने में अभी कुछ वक़्त और लगेगा.