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दिल्ली: किसान आंदोलन ने रोकी कोरोना मामलों की रफ्तार, जानिए आखिर क्या है बात

दिल्ली में तीन हफ्तों तो किसानों का आंदोलन जारी है. ऐसे में इससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वही विशेषज्ञों का कहना है कि इस आंदोलन से कोरोना के मामलों में काफी गिरावट दर्ज की गई है. इसको लेकर सुनिए डॉक्टर का क्या कहना है.

RGSSH nodal officer ajeet jain said that farmers protest stop corona cases in delhi
किसान आंदोलन ने रोके कोरोना मामले
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Published : Dec 17, 2020, 7:59 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 9:58 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले करीब तीन हफ्ते से चल रहे किसान आंदोलन को बेशक पूरा देश किसी भी नजरिए से देख रहा हो, लेकिन विशेषज्ञों की माने तो दिल्ली के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं हैं. कोरोना विशेषज्ञों का कहना है कि इस आंदोलन ने कोरोना के प्रसार की चेन तोड़ दी है, जिसकी वजह से नए आने वाले मामलों में तेजी से कमी आई है.

किसान आंदोलन ने रोके कोरोना मामले

दिल्ली को बनाया कंटेनमेंट जोन

दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के नए मामलों और रोजाना होने वाली मौतों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है, जबकि ना तो कोई दवाई आई है ना दिल्लीवालों ने अपनी आदतें बदली है. लोग अभी भी बिना मास्क के घरों से निकल रहे हैं. फिर ऐसा हुआ कैसे? दिल्ली सरकार के कोविड-19 डेडीकेटेड अस्पताल राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी के नोडल ऑफिसर डॉ. अजित जैन का मानना है कि ये गिरावट किसान आंदोलन की वजह से आई है. उनका तर्क है कि किसानों ने दिल्ली के लगभग सभी बॉर्डर को बंद कर इसे कंटेनमेंट जोन बना दिया, जिसने जाने अंजाने कोरोना के प्रसार की चेन को तोड़ने में बड़ी मदद की है.

कम्युनिटी स्प्रेड से निकली दिल्ली

डॉ. जैन का मानना है कि दिल्ली में अब तक हुए सीरो सर्वे के अनुसार करीब एक चौथाई जनसंख्या इम्यून हो चुकी है. उसमे अगर संक्रमण के बेहद कम रिस्क वाले लोगों का प्रतिशत भी जोड़ लें तो यह करीब तीन चौथाई हो जाती है. इसे ही हर्ड इम्यूनिटी कहते हैं. इससे कोरोना की चेन तो टूटी ही है. उस पर किसान आंदोलन की बरुकेटिंग ने दिल्ली को कम्यूनिटी स्प्रेड से भी बाहर निकलने जैसा बना दिया है. उनका तो यहां तक मानना है कि अगर अब कोई बड़ी गलती ना हो तो सार्स और मर्स की तरह ये वायरस भी खुद ही गायब हो सकता है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले करीब तीन हफ्ते से चल रहे किसान आंदोलन को बेशक पूरा देश किसी भी नजरिए से देख रहा हो, लेकिन विशेषज्ञों की माने तो दिल्ली के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं हैं. कोरोना विशेषज्ञों का कहना है कि इस आंदोलन ने कोरोना के प्रसार की चेन तोड़ दी है, जिसकी वजह से नए आने वाले मामलों में तेजी से कमी आई है.

किसान आंदोलन ने रोके कोरोना मामले

दिल्ली को बनाया कंटेनमेंट जोन

दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के नए मामलों और रोजाना होने वाली मौतों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है, जबकि ना तो कोई दवाई आई है ना दिल्लीवालों ने अपनी आदतें बदली है. लोग अभी भी बिना मास्क के घरों से निकल रहे हैं. फिर ऐसा हुआ कैसे? दिल्ली सरकार के कोविड-19 डेडीकेटेड अस्पताल राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी के नोडल ऑफिसर डॉ. अजित जैन का मानना है कि ये गिरावट किसान आंदोलन की वजह से आई है. उनका तर्क है कि किसानों ने दिल्ली के लगभग सभी बॉर्डर को बंद कर इसे कंटेनमेंट जोन बना दिया, जिसने जाने अंजाने कोरोना के प्रसार की चेन को तोड़ने में बड़ी मदद की है.

कम्युनिटी स्प्रेड से निकली दिल्ली

डॉ. जैन का मानना है कि दिल्ली में अब तक हुए सीरो सर्वे के अनुसार करीब एक चौथाई जनसंख्या इम्यून हो चुकी है. उसमे अगर संक्रमण के बेहद कम रिस्क वाले लोगों का प्रतिशत भी जोड़ लें तो यह करीब तीन चौथाई हो जाती है. इसे ही हर्ड इम्यूनिटी कहते हैं. इससे कोरोना की चेन तो टूटी ही है. उस पर किसान आंदोलन की बरुकेटिंग ने दिल्ली को कम्यूनिटी स्प्रेड से भी बाहर निकलने जैसा बना दिया है. उनका तो यहां तक मानना है कि अगर अब कोई बड़ी गलती ना हो तो सार्स और मर्स की तरह ये वायरस भी खुद ही गायब हो सकता है.

Last Updated : Dec 17, 2020, 9:58 PM IST
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