नई दिल्ली: कोरोना काल में जहां राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने कोरोना के मरीजों पर बेहतरीन काम किया है, वहीं नॉन कोरोना के मरीजों के इलाज में भी रिकॉर्ड तोड़ काम किया है. अस्पताल के मुताबिक इस साल मार्च से लेकर अब तक अस्पताल ने 2000 से भी ज्यादा मरीजों की एंजियोलास्टी की है.
प्रतिदिन आते हैं 10 से 15 मरीज
एक तरफ जहां कोरोना काल में सभी सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन बंद है, वहीं राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कोविड डेडीकेटेड होने के बाद भी यहां पहले से चल रहे दिल के मरीजों के लिए सीसीयू को बंद नहीं किया गया. इसकी वजह से रोजाना इमरजेंसी में 10 से 15 मरीज आ रहे हैं, जिनकी एंजियोग्राफी और जरूरत पड़ने पर एंजियोप्लास्टी की जा रही है. एक अनुमान के मुताबिक अब तक 2000 से ज्यादा मरीजों की एंजियोप्लास्टी की जा चुकी है. अस्पताल की डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. छवि गुप्ता बताती हैं कि इसके लिए पूरे अस्पताल को दो भागों में बांटा गया था.
दिल्ली से बाहर के हैं आधे मरीज
अस्पताल के कार्डियोलोजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. गौरव सिंघल बताते हैं कि उनके यहां आने वाले मरीजों में आधी संख्या दिल्ली से बाहर के मरीजों की है. उम्र के अनुसार एंजियोप्लास्टी के करीब आधे मरीज 50 साल से कम आयु के थे. डॉ. गौरव बताते हैं कि लॉकडाउन की वजह से अप्रैल में उनके पास मरीज नहीं के बराबर आए थे, लेकिन मई से मरीजों के आने की तादाद काफी बढ़ गई.