नई दिल्ली: नेशनल लीगल सर्विस डे की 25वीं वर्षगांठ पर ईस्ट दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी ने विवेक विहार में कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें स्थानीय निवासियों की जागरूकता के लिए 100 फीट ऊंचा गुब्बारा लगाया गया, जिस पर टोल फ्री नंबर लिखे हुए हैं.
1995 में लीगल सर्विस अथॉरिटी एक्ट बना
भारतीय न्याय व्यवस्था की परिकल्पना है कि सबको बराबर का न्याय मिल सके. लेकिन जागरूकता और सुविधा के अभाव में कई बार समाज के वंचित लोगों को न्याय नहीं मिल पाता. इसे दुरुस्त करने के लिए 1995 में लीगल सर्विस अथॉरिटी एक्ट बनाया गया था.
इसके तहत राज्य और जिलों में भी यह व्यवस्था की गई कि सभी को कानूनी सलाह और जरूरतमंद लोगों को निशुल्क कानूनी सहायता मिल सके. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि लोगों को इसकी जानकारी हो. इसीलिए इस्ट दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी ने 25 वीं वर्षगांठ पर विवेक विहार केंद्रीय विद्यालय में 100 फुट ऊंचा गुब्बारा लगाया है. इस पर डीएलएसए का टोल फ्री नंबर और अथॉरिटी के ऑफिस का पता लिखा हुआ है.
लोगों के बीच जाते हैं ज्यूडिशियल ऑफिसर
ऐसा देखा जाता है कि अभी भी लोगों में अदालतों के प्रति डर का माहौल है. इसलिए लोग पीड़ित होने के बाद भी न्याय के लिए अदालत जाना पसंद नहीं करते, इसी डर को निकालने के लिए लीगल सर्विस अथॉरिटी से जुड़े ज्यूडिशियल ऑफिसर लोगों के बीच जाते हैं और उन्हें ये समझाने की कोशिश करते हैं कि कानून के हाथ अपराधियों को पकड़ने के लिए जितने लंबे हैं, उतने ही जरूरतमंद लोगों की कानूनी मदद के लिए भी हैं.