नई दिल्ली: दिल्ली समेत देशभर में कोरोना के मामले जहां काबू में आते दिख रहे हैं, वहीं वायरस के इंग्लैंड समेत कुछ और देशों में मिले नए स्ट्रेन ने एक बार फिर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. ऐसे में अब जबकि देश में भी इस नए स्ट्रेन के करीब डेढ़ दर्जन मरीज मिल चुके हैं, तो विशेषज्ञ इसे लेकर जो अनुमान लगा रहे हैं वो काफी डरावना है.
कम घातक मगर ज्यादा संक्रमण
दिल्ली सरकार के Covid डेडीकेटेड अस्पताल राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी (rgssh) के नोडल ऑफिसर डॉ. अजित जैन बताते हैं कि जीनोम में 23 बदलाव की वजह से वायरस के प्रोटीन, स्पाइक प्रोटीन में कुछ बदलाव हुए हैं. इन्हें लेकर इंग्लैंड में करीब 1700 नए स्ट्रेन और पुराने स्ट्रेन के मरीजों को लेकर जब अध्ययन किया गया तो पता चला कि दोनों स्ट्रेन से प्रभावित होने वालों की औसत उम्र तो एक जैसी ही है.
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लेकिन नया स्ट्रेन करीब 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है तो वहीं करीब 17 प्रतिशत कम घातक है.
नए स्ट्रेन के बारे में डॉ. अजित जैन बताते हैंनए स्ट्रेन के कम घातक होने के बाद भी देश में यह ज्यादा खतरनाक माना जा सकता है. इससे ज्यादा मौतें होने का खतरा है, क्योंकि 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक होने की वजह से इसके चपेट में आने वालों की संख्या पहले से भी बड़ी हो सकती है. इस संख्या के साथ ही अस्पताल में भर्ती होने और मरने वालों की संख्या भी बढ़ सकती है.