नई दिल्ली: दिल्ली सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि वो देवली की पहाड़ियों पर लगी बाबा साहेब अंबेडकर की एक मूर्ति को तोड़ना चाहती है. दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने इन आरोपों को झूठा बताया और कहा कि बाबा साहेब की मूर्ति तोड़ना तो बहुत दूर की बात है, हम उससे पहले पद से हट जाना पसंद करेंगे.
AAP सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा है कि देवली की पहाड़ियों पर करीब 35 साल से बाबा साहेब अंबेडकर की एक मूर्ति लगी है. यहां पहले अंबेडकर विद्यापीठ हुआ करता था, जहां बच्चों को पढ़ाया जाता था. 2003 में किसी कारण से अंबेडकर विद्यापीठ टूट गया, उसके बाद सरकार से बातचीत के बाद उन्हें एक चौपाल बना कर दे दिया गया, जहां वो बच्चों को पढ़ाने का काम कर सकें.
राजेंद्र पाल गौतम ने बताया कि इस जमीन का ओनरशिप राइट भी सरकार के पास ही है. 1983-84 के आसपास वहां के ग्राम प्रधान ने 65 बीघा जमीन वहां की पिछड़ी जाति के समाज को दे दी थी, लेकिन वहां धीरे-धीरे कॉलोनी बसती चली गई और आज केवल 22-23 बीघा जमीन ही बची है.
दिल्ली सरकार ने वहां अस्पताल और स्कूल बनाने के लिए भी जमीन अलॉट कर दी, क्योंकि उसका ओनरशिप सरकार के पास ही था. लेकिन अभी कुछ दिनों पहले अंबेडकर विद्यापीठ संस्था ने अफवाह फैलाना शुरू कर दिया कि दिल्ली सरकार वहां से डॉक्टर अंबेडकर की मूर्ति तोड़ना चाहती है.
AAP के मंत्री ने कहा ये झूठी अफवाह है
राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि ये बिल्कुल झूठी खबर है, वो संस्था अफवाह फैला रही है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कल 11 बजे अम्बेडकर विद्यापीठ दिल्ली सचिवालय का घेराव करेगा. राजेंद्र पाल गौतम ने ये भी बताया कि इस मुद्दे को लेकर उस संस्था के लोग उनसे और मनीष सिसोदिया से भी मिल चुके हैं.
राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि उनसे मुलाकात के बाद हमने एक मीटिंग की थी जिसमें उस संस्था के लोगों को भी बुलाया था और साफ तौर पर हमने ये स्पष्ट कर दिया था कि दिल्ली सरकार का ऐसा कोई प्लान नहीं है.
राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि बाबा साहेब के संविधान की बदौलत ही आज दिल्ली सरकार भी काम कर रही है और यहां तक कि हम मंत्री बने हैं तो इसमें भी उनके संविधान का बड़ा योगदान है. राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि बाबा साहेब की मूर्ति तोड़ना तो बहुत दूर की बात है, हम उससे पहले पद से हट जाना पसंद करेंगे.