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कोरोना काल में गंभीर हो गई दिल के मरीजों की परेशानियां - डॉ. मुकेश गोयल

कोरोना काल में दिल के मरीजों की परेशानियों में खासा इजाफा हुआ है. लोगों में एक धारणा बन गई है कि अगर किसी दूसरे रोग के इलाज के लिए अस्पताल जाएंगे तो कोरोना के शिकार हो जाएंगे. इस वजह से मरीज अस्पताल नहीं गए, जिसका परिणाम यह हुआ कि अब मरीजों में दिल की परेशानियां ज्यादा गंभीर हो रही हैं.

heart patients problems became serious during corona period
दिल के मरीज
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Published : Aug 29, 2020, 7:32 PM IST

नई दिल्लीः जब से कोरोना आया है, तब से देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अन्य रोगों के मरीजों की परेशानियां बढ़ गई हैं. लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इससे दिल के मरीजों की परेशानियों में खासा इजाफा हुआ है. अब मरीजों में दिल की परेशानियां पहले के मुकाबले ज्यादा गंभीर हो रही हैं.

दिल के मरीजों की परेशानियां बढ़ी..

देश में जब कोरोना के शुरुआती मामले आने शुरू हुए और सरकार ने लॉकडाउन लगाई, तब बहुत सारे डॉक्टरों के निजी क्लिनिक भी बंद हो गए और बहुत सारे अस्पतालों में अन्य रोगों का इलाज भी. तब लोगों में एक धारणा ये भी बन गई कि अगर किसी दूसरे रोग के इलाज के लिए अस्पताल जाएंगे तो कोरोना के शिकार हो जाएंगे. इस वजह से दिल के बहुत सारे मरीज अस्पताल नहीं गए और इलाज नहीं लिया. इससे उनकी परेशानी काफी बढ़ गई और कई लोगों की तो मौत तक हो गई.

अब मिल रहे हैं काफी गंभीर मरीज

इन्द्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ. मुकेश गोयल बताते हैं कि कोरोना काल में बीमारी के लक्षण को नजरंदाज करने की वजह से अब उनके पास जो मरीज आ रहे हैं, उनमें बीमारी काफी गंभीर रूप ले चुकी है, जिसका इलाज भी पहले से जटिल होगा. इसलिए उनकी सलाह है कि अगर बीमारी के लक्षण दिखें तो उसे नजरंदाज करने की बजाय तत्काल डॉक्टर से मिलना चाहिए. ऐसा नहीं करने की स्थिति में कोरोना से उन्हें नुकसान हो या न हो लेकिन ये बीमारी उन्हें जरूर गंभीर नुकसान पहुंचा देगी.

नई दिल्लीः जब से कोरोना आया है, तब से देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अन्य रोगों के मरीजों की परेशानियां बढ़ गई हैं. लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इससे दिल के मरीजों की परेशानियों में खासा इजाफा हुआ है. अब मरीजों में दिल की परेशानियां पहले के मुकाबले ज्यादा गंभीर हो रही हैं.

दिल के मरीजों की परेशानियां बढ़ी..

देश में जब कोरोना के शुरुआती मामले आने शुरू हुए और सरकार ने लॉकडाउन लगाई, तब बहुत सारे डॉक्टरों के निजी क्लिनिक भी बंद हो गए और बहुत सारे अस्पतालों में अन्य रोगों का इलाज भी. तब लोगों में एक धारणा ये भी बन गई कि अगर किसी दूसरे रोग के इलाज के लिए अस्पताल जाएंगे तो कोरोना के शिकार हो जाएंगे. इस वजह से दिल के बहुत सारे मरीज अस्पताल नहीं गए और इलाज नहीं लिया. इससे उनकी परेशानी काफी बढ़ गई और कई लोगों की तो मौत तक हो गई.

अब मिल रहे हैं काफी गंभीर मरीज

इन्द्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ. मुकेश गोयल बताते हैं कि कोरोना काल में बीमारी के लक्षण को नजरंदाज करने की वजह से अब उनके पास जो मरीज आ रहे हैं, उनमें बीमारी काफी गंभीर रूप ले चुकी है, जिसका इलाज भी पहले से जटिल होगा. इसलिए उनकी सलाह है कि अगर बीमारी के लक्षण दिखें तो उसे नजरंदाज करने की बजाय तत्काल डॉक्टर से मिलना चाहिए. ऐसा नहीं करने की स्थिति में कोरोना से उन्हें नुकसान हो या न हो लेकिन ये बीमारी उन्हें जरूर गंभीर नुकसान पहुंचा देगी.

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