नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना महामारी के इलाज के सबसे सफल प्रबंधन करने वाले राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का कोरोना वायरस को लेकर पहला अध्ययन प्रकाशित हुआ है. इस अध्ययन को अंतरराष्ट्रीय जर्नल फैमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर में इसी महीने प्रकाशित किया गया है.
308 मरीजों पर हुआ अध्ययन
अस्पताल के नोडल ऑफिसर डॉ. अजित जैन बताते हैं कि यह महामारी पूरी दुनिया के लिए नई थी. ऐसे में इसका इलाज, मरीजों का प्रबंधन, और महामारी के विस्तार पर रोक कैसे लगाई जाए, इसे लेकर पहले से कोई दिशा-निर्देश नहीं थे.
इसे देखते हुए ही उनके अस्पताल ने 17 मार्च को पहले मरीज के भर्ती होने के बाद से ही यह अध्ययन शुरू कर दिया था, जो ढाई महीने तक अस्पताल में भर्ती हुए 308 मरीजों पर किया गया था. इस अध्ययन का नेतृत्व अस्पताल के डायरेक्टर डॉ बी एल शेरवाल ने किया. इसमें अस्पताल की डिप्टी एमएस डॉ. नम्रता मक्कड़, नोडल ऑफिसर डॉ. अजित जैन, वरिष्ठ सलाहकार डॉ. विकास डोगरा और उनकी टीमों में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
प्रिवेंटिव एफर्ट और इंस्टीट्यूशनल कैपिसिटी बढ़ाना जरूरी
डॉ. जैन बताते हैं कि ट्रेंड्स एंड क्लीनिको एपीडेमॉलजिकाल प्रोफाइल ऑफ कोविड 19 पेशेंट एट ए कोविड 19 डेजिगनेटेड हॉस्पिटल इन दिल्ली नाम के इस अध्ययन में 160 पुरुष और 58 महिलाओं को शामिल किया गया था. शुरुआती ढाई महीने के अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि महामारी जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उस पर नकेल कसने के लिए प्रिवेंटिव एफर्ट यानी बचाव के उपायों को ज्यादा सख्ती से लागू करना चाहिए.
इसके साथ मरीजों की तेजी से बढ़ती जा रही संख्या को देखते हुए इंस्टीट्यूशनल कैपिसिटी भी जल्द से जल्द बढ़ानी होगी. इसके बाद ही अस्पताल की क्षमता का विस्तार किया गया तो राजधानी में 10 हजार बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया गया.
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कम्युनिटी बेस्ड अप्रोच बढ़ाने और रेफरल सिस्टम मजबूत करने की सिफारिश
डॉ. जैन बताते कि इस अध्ययन को जून महीने में ही अप्रूव कर लिया गया था. इससे जो और निष्कर्ष निकले, उसके अनुसार इस महामारी से केवल अस्पतालों के दम पर नहीं लडा जा सकता था. इसलिए होम आइसोलेशन को बढ़ाने पर जोर दिया गया. वहीं मई महीने तक यह भी स्पष्ट हो गया था कि यह महामारी केवल महानगरों तक सीमित नहीं रहने वाली है.
इसलिए इसमें छोटे इलाकों को वीड़ डेजिगनेटेड अस्पताल तक मरीजों को पहुंचाने के लिए मजबूत रेफरल सिस्टम बनाने की भी सिफारिश की गई थी.