ETV Bharat / state

Crime In Delhi: कैश एडवांस लोन ऐप के माध्यम से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, छह गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कैश एडवांस नामक लोन ऐप के माध्यम से ठगी करने वाले छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये एक ऋण ऐप के माध्यम से अवैध रूप से लोगों के मोबाइल डेटा तक पहुंच प्राप्त करने के बहाने बड़े पैमाने पर जबरन वसूली और ब्लैकमेल करते थे.

delhi crime news
दिल्ली अपराध समाचार
author img

By

Published : Jun 5, 2023, 6:42 PM IST

ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने कैश एडवांस नामक लोन ऐप के माध्यम से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. गिरोह ने देशभर में 1977 लोगों को धोखा दिया है. इनसे लगभग 350 करोड़ और संदिग्ध क्रिप्टो एक्सचेंज रिकॉर्ड मिला है. इनके कब्जे से 7 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 15 डेबिट कार्ड और 60 लाख रुपये बरामद किया गया है. आरोपियों की पहचान मुस्तजाब गुलाम मोहम्मद नवीवाला, अनीसभाई अशरफभाई विंची, गोकुल बिस्वास, अशोक, बलवंत और नितिन के तौर पर हुई है.

स्पेशल सेल आईएफएसओ यूनिट के पुलिस उपायुक्त प्रशांत पी. गौतम ने बताया कि एक शिकायतकर्ता जय गोयल निवासी मॉडल टाउन ने आरोप लगाया कि कुछ व्यक्ति कैश एडवांस नामक एक ऋण ऐप के माध्यम से अवैध रूप से अपने मोबाइल डेटा तक पहुंच प्राप्त करके तत्काल ऋण प्रदान करने के बहाने बड़े पैमाने पर जनता को जबरन वसूली और ब्लैकमेल कर रहे हैं. इसके अलावा एनसीआरपी पोर्टल की खोज करने पर दिल्ली क्षेत्र से कुल 102 और पूरे भारत से 1977 शिकायतें एक ही ऐप के खिलाफ दर्ज पाई गईं. इसलिए प्रारंभिक जांच के बाद एक टीम का गठन किया गया.

उन्होंने बताया कि टीम ने दोषियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार किया. जांच के दौरान, विभिन्न बैंकों और आरओसी से खातों, कथित कंपनियों और स्वामित्व के बारे में प्रासंगिक विवरण एकत्र किए गए और यह पता चला कि कंपनियां दिल्ली, सूरत, केरल और कोलकाता के पते पर पंजीकृत थीं. हालांकि, इन कथित कंपनियों के निदेशकों का पता नहीं चल पाया है. इसलिए टीम ने व्यापक विश्लेषण किया और व्यापक क्षेत्र की जांच की और अंततः विभिन्न स्थानों से आरोपी व्यक्तियों का पता लगाकर आरोपितों को गिरफ्तार किया गया.

ये भी पढ़ें : दिल्ली बॉर्डर की झुग्गी बस्तियों में फल-फूल रहा नशा तस्करी का धंधा, दबोचे जा रहे तस्कर

गिरोह उपयोगकर्ताओं को कैश एडवांस नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से "बहुत कम ब्याज दरों" पर अल्पकालिक ऋण की पेशकश करता था और एप्लिकेशन की स्थापना के चरण में पीड़ितों के व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच प्राप्त करता था. हालांकि, डिजिटल मोड के माध्यम से पैसे देने के बाद, वे ब्याज दरों में अत्यधिक वृद्धि करते थे और ऋण चुकाने के बाद भी, वे उधारकर्ताओं या उनके रिश्तेदारों को विभिन्न तरीकों से धमकी देकर और पैसे की मांग करते थे.

जांच के दौरान पता चला कि आरोपी गोकुल, मुस्तजाब, अनीसभाई, अशोक और बलवंत ने फर्जी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन करवाया था और बैंक खाते खुलवाए थे. इन खातों में 350 करोड़ रुपये परिचालित किया जाता है, जिसमें से 83 करोड़ रुपये कमीशन काटकर विभिन्न व्यक्तियों को सूक्ष्म ऋण के रूप में वितरित किए जाते हैं. आरोपी नितिन एक चीनी ऋण ऐप कंपनी में काम कर चुका था.

ये भी पढ़ें : USA से चल रहा दिल्ली में आर्म्स सप्लाई का धंधा, लॉरेंस बिश्नोई जैसे क्रिमनलों को उपलब्ध करवा रहे हथियार

ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने कैश एडवांस नामक लोन ऐप के माध्यम से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. गिरोह ने देशभर में 1977 लोगों को धोखा दिया है. इनसे लगभग 350 करोड़ और संदिग्ध क्रिप्टो एक्सचेंज रिकॉर्ड मिला है. इनके कब्जे से 7 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 15 डेबिट कार्ड और 60 लाख रुपये बरामद किया गया है. आरोपियों की पहचान मुस्तजाब गुलाम मोहम्मद नवीवाला, अनीसभाई अशरफभाई विंची, गोकुल बिस्वास, अशोक, बलवंत और नितिन के तौर पर हुई है.

स्पेशल सेल आईएफएसओ यूनिट के पुलिस उपायुक्त प्रशांत पी. गौतम ने बताया कि एक शिकायतकर्ता जय गोयल निवासी मॉडल टाउन ने आरोप लगाया कि कुछ व्यक्ति कैश एडवांस नामक एक ऋण ऐप के माध्यम से अवैध रूप से अपने मोबाइल डेटा तक पहुंच प्राप्त करके तत्काल ऋण प्रदान करने के बहाने बड़े पैमाने पर जनता को जबरन वसूली और ब्लैकमेल कर रहे हैं. इसके अलावा एनसीआरपी पोर्टल की खोज करने पर दिल्ली क्षेत्र से कुल 102 और पूरे भारत से 1977 शिकायतें एक ही ऐप के खिलाफ दर्ज पाई गईं. इसलिए प्रारंभिक जांच के बाद एक टीम का गठन किया गया.

उन्होंने बताया कि टीम ने दोषियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार किया. जांच के दौरान, विभिन्न बैंकों और आरओसी से खातों, कथित कंपनियों और स्वामित्व के बारे में प्रासंगिक विवरण एकत्र किए गए और यह पता चला कि कंपनियां दिल्ली, सूरत, केरल और कोलकाता के पते पर पंजीकृत थीं. हालांकि, इन कथित कंपनियों के निदेशकों का पता नहीं चल पाया है. इसलिए टीम ने व्यापक विश्लेषण किया और व्यापक क्षेत्र की जांच की और अंततः विभिन्न स्थानों से आरोपी व्यक्तियों का पता लगाकर आरोपितों को गिरफ्तार किया गया.

ये भी पढ़ें : दिल्ली बॉर्डर की झुग्गी बस्तियों में फल-फूल रहा नशा तस्करी का धंधा, दबोचे जा रहे तस्कर

गिरोह उपयोगकर्ताओं को कैश एडवांस नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से "बहुत कम ब्याज दरों" पर अल्पकालिक ऋण की पेशकश करता था और एप्लिकेशन की स्थापना के चरण में पीड़ितों के व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच प्राप्त करता था. हालांकि, डिजिटल मोड के माध्यम से पैसे देने के बाद, वे ब्याज दरों में अत्यधिक वृद्धि करते थे और ऋण चुकाने के बाद भी, वे उधारकर्ताओं या उनके रिश्तेदारों को विभिन्न तरीकों से धमकी देकर और पैसे की मांग करते थे.

जांच के दौरान पता चला कि आरोपी गोकुल, मुस्तजाब, अनीसभाई, अशोक और बलवंत ने फर्जी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन करवाया था और बैंक खाते खुलवाए थे. इन खातों में 350 करोड़ रुपये परिचालित किया जाता है, जिसमें से 83 करोड़ रुपये कमीशन काटकर विभिन्न व्यक्तियों को सूक्ष्म ऋण के रूप में वितरित किए जाते हैं. आरोपी नितिन एक चीनी ऋण ऐप कंपनी में काम कर चुका था.

ये भी पढ़ें : USA से चल रहा दिल्ली में आर्म्स सप्लाई का धंधा, लॉरेंस बिश्नोई जैसे क्रिमनलों को उपलब्ध करवा रहे हथियार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.