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डीसीपीसीआर ने अशोका विश्वविद्यालय के साथ मिलकर शुरू किया चाइल्ड राइट फेलोशिप

दिल्ली में चाइल्ड राइट फेलोशिप को लेकर डीसीपीसीआर ने अशोका विश्वविद्यालय के साथ मिलकर एक प्रोग्राम की शुरूआत की है. इच्छुक लोग 4 जनवरी 2021 तक आवेदन कर सकते हैं.

DCPCR
डीसीपीसीआर
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Published : Dec 20, 2020, 7:56 AM IST

Updated : Dec 20, 2020, 12:33 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) ने अशोक विश्वविद्यालय के सहयोग से युवा पेशेवरों के लिए बाल अधिकार फ़ेलोशिप (सीआरएफ) शुरू किया है. यह फेलोशिप 5 लोगों को दी जाएगी. इच्छुक लोग 4 जनवरी 2021 तक आवेदन कर सकते हैं.

डीसीपीसीआर ने अशोका विश्वविद्यालय के साथ मिलकर शुरू किया चाइल्ड राइट फेलोशिप

एक साल का होगा फेलोशिप

डीसीपीसीआर के अध्यक्ष अनुराग कुंद्दू ने बताया कि फेलोशिप में चयनित 5 युवा पेशेवरों को एक साल तक निर्धारित जिले में ऑन फिल्ड काम करने का अवसर मिलेगा. इनका काम होगा राज्य के भीतर बाल अधिकारों कार्यक्रमों और नीतियों के बेहतर कार्यान्वयन के लिए जिला प्रशासन के भीतर डीसीपीसीआर और अन्य सरकारी विभागों के साथ समन्वय बिठाना. इसके लिए चयनित उम्मीदवारों को 10 दिनों का प्रशिक्षण होगा. डसीपीसीआर का मानना है कि इससे उनका काम जमीन पर बेहतर दिखाई पड़ेगा.

Child Right Fellowshi
चाइल्ड राइट फेलोशिप

सरकार ने की सारहना

फ़ेलोशिप की शुरूआत करते हुए महिला और बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने डीसीपीसीआर की सराहन करते हुए कहा कि बच्चों के अधिकारों को राजधानी में बेहतर तरीके से लागू कराने में आयोगों के काम करने के तरीकों ने उदाहरण स्थापित किया है, उन्होंने कहा कि भारत में हमारे शासन को नए विचारों, अनुसंधान और जुनून की आवश्यकता है और यह फ़ेलोशिप उसी का एक उदाहरण है. इस अवसर पर कालका जी क्षेत्र से विधायक आतिशी ने डीसीपीसीआर के साथ साथ अशोका विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए फेलोशिप कार्यक्रम को लोकतंत्र की जरूरत बताया.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) ने अशोक विश्वविद्यालय के सहयोग से युवा पेशेवरों के लिए बाल अधिकार फ़ेलोशिप (सीआरएफ) शुरू किया है. यह फेलोशिप 5 लोगों को दी जाएगी. इच्छुक लोग 4 जनवरी 2021 तक आवेदन कर सकते हैं.

डीसीपीसीआर ने अशोका विश्वविद्यालय के साथ मिलकर शुरू किया चाइल्ड राइट फेलोशिप

एक साल का होगा फेलोशिप

डीसीपीसीआर के अध्यक्ष अनुराग कुंद्दू ने बताया कि फेलोशिप में चयनित 5 युवा पेशेवरों को एक साल तक निर्धारित जिले में ऑन फिल्ड काम करने का अवसर मिलेगा. इनका काम होगा राज्य के भीतर बाल अधिकारों कार्यक्रमों और नीतियों के बेहतर कार्यान्वयन के लिए जिला प्रशासन के भीतर डीसीपीसीआर और अन्य सरकारी विभागों के साथ समन्वय बिठाना. इसके लिए चयनित उम्मीदवारों को 10 दिनों का प्रशिक्षण होगा. डसीपीसीआर का मानना है कि इससे उनका काम जमीन पर बेहतर दिखाई पड़ेगा.

Child Right Fellowshi
चाइल्ड राइट फेलोशिप

सरकार ने की सारहना

फ़ेलोशिप की शुरूआत करते हुए महिला और बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने डीसीपीसीआर की सराहन करते हुए कहा कि बच्चों के अधिकारों को राजधानी में बेहतर तरीके से लागू कराने में आयोगों के काम करने के तरीकों ने उदाहरण स्थापित किया है, उन्होंने कहा कि भारत में हमारे शासन को नए विचारों, अनुसंधान और जुनून की आवश्यकता है और यह फ़ेलोशिप उसी का एक उदाहरण है. इस अवसर पर कालका जी क्षेत्र से विधायक आतिशी ने डीसीपीसीआर के साथ साथ अशोका विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए फेलोशिप कार्यक्रम को लोकतंत्र की जरूरत बताया.

Last Updated : Dec 20, 2020, 12:33 PM IST
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