नई दिल्ली: श्रम कानूनों में बदलाव के खिलाफ बुधवार को केंद्रीय मजदूर संगठन ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी) की दिल्ली इकाई ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया. इसमें आशा, मिड डे मील, भवन निर्माण, कारखाना के असंगठित मजदूरों और केंद्र व दिल्ली के रेलवे व स्वास्थ्य आदि विभागों के कर्मचारियों ने अपनी आवाज उठाई, तो वहीं 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल का भी ऐलान किया.
मासिक महामारी भत्ते की मांग
सरकार के खिलाफ हाथ में प्ले कार्ड लिये ये दिल्ली के वो कर्मचारी और श्रमिक हैं, जो श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं. इनकी मांग है कि कोरोना की वजह से बेरोजगार हुए श्रमिकों व प्रवासी मजदूरों को कम से कम 10 हजार रुपये मासिक महामारी भत्ता दिया जाए. वहीं उन्होंने आशा व मिड-डे मील स्कीम वर्कर्स के लिए 21 हजार रुपये मासिक वेतन और दिल्ली नगर निगम कर्मचारियों को बकाया वेतन का तुरंत भुगतान करने की मांग की.
26 नवंबर को होगी देशव्यापी हड़ताल
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हुए मजदूरों को नौकरी देने के बजाए सरकार 8 घंटे के श्रम दिवस को 12 घंटे कर रही है और रेलवे जैसी संस्था का निजीकरण कर रही है. इससे सरकार का खोखलापन जाहिर हो रहा है. इसकी वजह श्रमजीवी वर्ग के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है. इसे देखते हुए एआईयूटीयूसी ने आगामी 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है.