नई दिल्ली: शाहदरा जिला की साइबर सेल की पुलिस टीम ने फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों की मदद करने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले सात जालसाजों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी एक फैमिली हेल्प नाम की फॉर्म चलाते थे और उसे फॉर्म के जरिए लोगों को मदद के नाम पर उन्हें नौकरी और काम दिलाने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे.
आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ पुलिस ने उनके कब्जे से 11 मोबाइल फोन 100 से अधिक सिम कार्ड, तीन लैपटॉप, चार चेकबुक बुक, 5 ATM और कुछ खातों को फ्रिज किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ 2100 से अधिक धोखाधड़ी और चोरी के मामले दर्ज है. आरोपी पिछले 2 साल से ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे. तीन आरोपियों को बिहार से गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस हेडक्वार्टर में शहादरा के डीसीपी रोहित मीना ने बताया कि एक शिकायतकर्ता विजय पाहवा की शिकायत पर पीएस-साइबर, शाहदरा में जालसाज के तहत मामला दर्ज किया गया था. शिकायतकर्ता विजय पाहवा ने आरोप लगाया कि वह एक ओला इलेक्ट्रिक स्कूटी खरीदना चाह रहे थे जिसके संबंध में शिकायतकर्ता ऑनलाइन सर्फिंग कर रहा था. इसी दौरान फर्जी वेबसाइट पर गया. जिस पर इलेक्ट्रिक स्कूटी उपलब्ध थीं.
लिंक पर क्लिक करने पर शिकायतकर्ता को एक संपर्क नंबर मिला. इसके बाद, शिकायतकर्ता ने उपरोक्त वेबसाइटों पर दर्शाए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया, जिसने उसे ऑनलाइन स्कूटी बेचने का आश्वासन दिया और उसे चयन के लिए स्कूटी के विभिन्न मॉडल भेजे. इस प्रकार शिकायतकर्ता उनके झूठे आश्वासन में फंस गया और उसने कथित व्यक्तियों को 1,15,560 रुपये की राशि का भुगतान कर दिया और उसके बाद आरोपी व्यक्तियों ने उसे जवाब देना बंद कर दिया.
साइबर पुलिस स्टेशन शाहदरा की टीम ने अपने प्रयासों से कॉलिंग नंबरों की सीडीआर, खाते से किए गए कथित ऑनलाइन लेनदेन के आईपीडीआर, व्हाट्सएप प्रोफाइल के आईपीडीआर एकत्र किए और उनका विश्लेषण किया. उपर्युक्त विवरण के विश्लेषण के बाद एसआई नंदन सिंह के साथ हेड कांस्टेबल अमित, अमित और कांस्टेबल सौरभ की एक छापेमारी टीम का गठन किया गया और जिसके बाद जैन नगर में छापेमारी की गई. जहां समूह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया.
बाद में इनकी पहचान एमडी राजा उर्फ साहिल, विकास, मोहम्मद सुहैल अंसारी, अंकित यादव के रूप मे हुई. आरोपी मोहम्मद राजा और आरोपी विकास के इस कंपनी के मालिक है. आरोपी ने वेबसाइट बनाने के लिए पारिवारिक मदद के नाम पर अपनी कंपनी पंजीकृत कराई, लेकिन वैध व्यवसाय की आड़ में उसने बिहार, पश्चिम बंगाल आदि जैसे पूरे भारत के धोखेबाजों के लिए ओला स्कूटी, पतंजलि, मेडिसिन आदि के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाना शुरू कर दिया.
इसके बाद आगे के तकनीकी विश्लेषण के बाद वारसिलीगंज, बिहार में छापेमारी की गई और 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. जिनकी पहचान बिहारी पासवान ,अजीत कुमार और कन्हैया कुमार महतो के रुप में हुई. तीनों आरोपी बिहार के नवादा जिला के रहने वाले हैं. पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया है कि गिरफ्तार गुरु के सदस्य पिछले दो सालों से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे पहली बार उनकी गिरफ्तारी हुई है 2100 से अधिक इनके ऊपर मुकदमे दर्ज है और आगे की छानबीन जारी है .
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