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राजधानी में यमुना के बढ़ते जलस्तर से बेहाल हुए किसान, फसलें यमुना के पानी में डूबी

दिल्ली में यमुना नदी पूरे उफान पर है. निचले इलाके के खेतों में काफी पानी भर चुका है. बुराड़ी इलाके के लोगों का कहना है कि बाढ़ की वजह से खेतों में खड़ी फसल खराब होने की कगार पर है.

यमुना के बढ़ते जलस्तर से बेहाल दिल्ली ETV BHARAT
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Published : Aug 21, 2019, 3:36 PM IST

नई दिल्ली: हथिनी कुंड बैराज से आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद दिल्ली की यमुना नदी पूरे उफान पर है. दिल्ली के निचले इलाके के खेतों में काफी पानी भर चुका है.
बुराड़ी इलाके के लोगों का कहना है कि इस समय यमुना में करीब 80 से 100 फीट पानी है. जिसकी वजह से यमुना का जलस्तर काफी बढ़ गया है. बाढ़ की वजह से खेतों में खड़ी फसल खराब होने की कगार पर है.

यमुना के बढ़ते जलस्तर से बेहाल हुए किसान

लोगों का सामान झोपड़ियों में फंसा
ईटीवी भारत की टीम यमुना के बीच ग्राउंड जीरो पर पहुंची और खेतों में काम करने वाले किसानों और मजदूरों से बात की. मजदूरों ने बताया कि उनका सामान अभी भी झोपड़ियों में फंसा हुआ है.

लोगों ने आनन-फानन में अपना सामान छोड़ा
प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए किसानों और मजदूरों को खेतों से बाहर निकाल दिया है. यमुना का जलस्तर बढ़ता देख लोग आनन-फानन में अपना सामान छोड़कर जान बचाने के लिए अपने मवेशियों को लेकर बाहर आ गए. जिसकी वजह से सभी का सामान अभी पानी में फंसा हुआ है. इसलिए लोग काफी परेशान है.

'सरकार ने किसानों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की'
स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकार ने किसान और मजदूरों के रहने की कोई व्यवस्था नहीं की है. साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार ने उनसे वादा तो किया लेकिन अभी तक के इंतजाम नाकाफी हैं.

मदद के लिए सामने आए आस-पास के लोग
खुद स्थानीय लोग ही यमुना किनारे रहने वाले लोगों के लिए व्यवस्थाएं कर रहे हैं. अपने घर से खाने का सामान पीड़ितों को दे रहे है. ताकि इनका गुजारा आराम से हो सके.
बुराड़ी इलाके में खेतों में पानी भरने से खड़ी फसलें खराब हो गई है. अब लोगों को इंतजार है कि सरकार इनकी फसलें खराब होने के बाद उचित मुआवजा दे.

नई दिल्ली: हथिनी कुंड बैराज से आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद दिल्ली की यमुना नदी पूरे उफान पर है. दिल्ली के निचले इलाके के खेतों में काफी पानी भर चुका है.
बुराड़ी इलाके के लोगों का कहना है कि इस समय यमुना में करीब 80 से 100 फीट पानी है. जिसकी वजह से यमुना का जलस्तर काफी बढ़ गया है. बाढ़ की वजह से खेतों में खड़ी फसल खराब होने की कगार पर है.

यमुना के बढ़ते जलस्तर से बेहाल हुए किसान

लोगों का सामान झोपड़ियों में फंसा
ईटीवी भारत की टीम यमुना के बीच ग्राउंड जीरो पर पहुंची और खेतों में काम करने वाले किसानों और मजदूरों से बात की. मजदूरों ने बताया कि उनका सामान अभी भी झोपड़ियों में फंसा हुआ है.

लोगों ने आनन-फानन में अपना सामान छोड़ा
प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए किसानों और मजदूरों को खेतों से बाहर निकाल दिया है. यमुना का जलस्तर बढ़ता देख लोग आनन-फानन में अपना सामान छोड़कर जान बचाने के लिए अपने मवेशियों को लेकर बाहर आ गए. जिसकी वजह से सभी का सामान अभी पानी में फंसा हुआ है. इसलिए लोग काफी परेशान है.

'सरकार ने किसानों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की'
स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकार ने किसान और मजदूरों के रहने की कोई व्यवस्था नहीं की है. साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार ने उनसे वादा तो किया लेकिन अभी तक के इंतजाम नाकाफी हैं.

मदद के लिए सामने आए आस-पास के लोग
खुद स्थानीय लोग ही यमुना किनारे रहने वाले लोगों के लिए व्यवस्थाएं कर रहे हैं. अपने घर से खाने का सामान पीड़ितों को दे रहे है. ताकि इनका गुजारा आराम से हो सके.
बुराड़ी इलाके में खेतों में पानी भरने से खड़ी फसलें खराब हो गई है. अब लोगों को इंतजार है कि सरकार इनकी फसलें खराब होने के बाद उचित मुआवजा दे.

Intro:नार्थवेस्ट दिल्ली,
लोकेशन बुराड़ी ।
बाइट - यमुना के बीच से वन टू वन ।

स्टोरी - हथिनि कुंड बैराज से आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद दिल्ली की यमुना नदी पूरे उफान पर है । दिल्ली के निचले इलाके के खेतों में काफी पानी भर चुका है । स्थानीय लोगों का कहना है कि इस समय यमुना में करीब 80 से 100 फीट पानी है । जिसकी वजह से यमुना का जल स्तर काफी बढ़ गया है । बाढ़ की वजह से खेतों में खड़ी फसल खराब होने के कगार पर है।

Body:ईटीवी भारत की टीम ने यमुना के बीच ग्राउंड ज़ीरो पर जाकर रिपोर्टिंग की ओर देखा कि किस तरह से खेतों में काम करने वाले किसानों और मजदूरों का सामान अभी झोपड़ियों में फंसा हुआ है । लेकिन प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए किसानों और मजदूरों को खेतों से बाहर निकाल दिया है । जिसकी वजह से सामान अभी पानी में फंसा हुआ है । यमुना का जल स्तर बढ़ता देख पीड़ित आनन -फानन में अपना सामान छोड़कर जान बचाने के लिए अपने मवेशियों को लेकर बाहर आ गए । जिनकी वजह से अभी भी लोग काफी परेशान है ।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकार ने किसान और मजदूरों के रहने की कोई व्यवस्था नहीं की है । साथ ही बताया कि सरकार ने उनसे वादा तो किया लेकिन अभी तक इंतजाम नाकाफी हैं । खुद स्थानीय लोग ही इनके रहने की व्यवस्था कर रहे हैं । अपने घर से खाने का सामान इत्यादि लोगों को दे रहे है ताकि इनका गुजारा आराम से हो सके ।

Conclusion:बुराड़ी इलाके में खेतों में पानी भरने से खड़ी फसलें खराब हो गई है । अब लोगों को इंतजार है कि सरकार इनकी फसलें खराब होने के बाद उचित मुआवजा देकर इन के घावों पर मलहम लगाएं. ।
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