नई दिल्लीः नरेला विधानसभा के भोरगढ़ के पास इंदिरा बस्ती में आज भी लोग खुले में शौच करने और चूल्हा पर खाना बनाने को मजबूर हैं. जहां एक और देश को गंदगी मुक्त करने के बात कही जाती है, वहीं चूल्हे पर खाना ना बने इसके लिए उज्जवला गैस योजना के तहत गैस सिलेंडर देने की बात भी कही जाती है. बावजूद राजधानी दिल्ली में लोग खुले में शौच और चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं.
स्थानीय महिलाओं ने कहा कि सरकार गरीबी रेख के अंतर्गत आने वाले लोगों को गैस सिलेंडर और चूल्हा देने का दावा करती है, लेकिन यहां के लोग आज भी इन सुविधाओं से महरूम हैं. साथ ही सरकार देश को गंदगी मुक्त बनाने का भी करती है, उस पर भी इन लोगों ने सवाल उठाया है. इलाके की महिलाओं का कहना है कि आज भी महिलाएं और बच्चियां खुले में शौच करने को मजबूर हैं.
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सार्वजनिक शौचालय भी नहीं
लोगों का कहना है कि कई जगह गुहार लगाई, उसके बावजूद अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है. जहां दिल्ली नगर निगम और सांसद फंड से शौचालय बनवाए जा रहे हैं, तो अभी तक इस कॉलोनी में सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई है.
इलाके के लोगों का आरोप है कि कई बार अधिकारियों और नेताओं से मिले, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. इस बाबत स्थानीय विधायक और निगम पार्षद से बात करने की कोशिश की गई, तो उनसे संपर्क नहीं हो सका. वहीं बीजेपी के पूर्व विधायक ने पूर्व विधायक नील दमन खत्री खुद स्वीकार्य किया की इस इलाके में सुविधाओं का अभाव है.