नई दिल्ली: इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर 14 दिसंबर को हुए हादसे में बुरी तरह घायल महिला की शनिवार को सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई. इस घटना के सामने आने के बाद मेट्रो की सुरक्षा पर भी सवाल भी उठने लगे हैं. अब इस मामले में मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त इस घटना की जांच करेंगे.
इस मामले में डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल की तरफ से दी गई जानकारी में यह बताया गया की शुरुआती जानकारी के आधार पर यह बात सामने आई है की महिला के कपड़े मेट्रो ट्रेन के दरवाजे में फंस गए थे और मेट्रो चलने से वह मेट्रो ट्रेन के साथ घिसटती रही. दरअसल घटना 14 दिसंबर को इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन की है जब एक महिला यात्री नांगलोई से ग्रीन लाइन की मेट्रो पकड़ी थी और उन्हें मोहन नगर जाना था.
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इस वजह से इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो बदलकर रेड लाइन की मेट्रो पकड़नी थी. दोपहर के वक्त उन्होंने रेड लाइन मेट्रो पकड़ी लेकिन उनका बेटा थोड़ा पीछे छूट गया वह बेटे को बुलाने के लिए मेट्रो ट्रेन से बाहर निकली इस बीच मेट्रो का दरवाजा बंद हो गया और उनकी साडी और जैकेट का कुछ हिस्सा मेट्रो ट्रेन के गेट में फंस गया. इस बीच मेट्रो ट्रेन चल पड़ी और वह मेट्रो ट्रेन के साथ-साथ घिसटती गई और प्लेटफार्म के आखिरी हिस्से में लोहे के गेट से टकराने के बाद मेट्रो ट्रैक पर गिर पड़ीं.
इस दौरान मेट्रो के अंदर और मेट्रो स्टेशन पर मौजूद यात्री चिल्लाते रहे लेकिन मेट्रो ट्रेन रुकी नहीं और नहीं दरवाजा खुला. इसके बाद यात्रियों और मेट्रो स्टाफ ने घायल महिला को पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां से उन्हें एलएनजेपी और फिर आरएमएल अस्पताल में रेफर किया गया. अंत में उन्हें सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. जहां आखिरकार 16 दिसंबर को उनकी मौत हो गई. अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनके सिर सहित अधिकतर हिस्सों में गंभीर चोटें आई थीं. पहले दिन से ही उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी.
इस घटना के बाद डीएमआरसी पर भी लापरवाही के आरोप लगने लगे हैं क्योंकि अक्सर यह कहा जाता है और मेट्रो ट्रेन की गेट में सेंसर लगे होने से अगर कुछ भी गेट में फंसता है तो दरवाजा खुल जाता है लेकिन इस घटना में ऐसा नहीं हुआ. अब इस मामले में डीएमआरसी ने जांच के आदेश दिए हैं.
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