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रोहिणी में बदहाल सड़क से लोग परेशान, "जब तक रोड नहीं, तब तक वोट नहीं" के पोस्टर-बैनर लगाए - Rohini Sector 23

दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 23 में सड़क की समस्या से जूझ रहे लोगों ने अनोखा विरोध प्रदर्शन (unique protest) शुरू कर दिया है. स्थानीय लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधि के खिलाफ जब तक रोड नहीं तब तक वोट नहीं का नारा दिया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

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Published : Oct 11, 2022, 11:49 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में लोग अक्सर अपनी समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करते देखे जाते हैं. इसके इतर दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 23 के स्थानीय लोगों ने अपना विरोध जताने के लिए एक अलग ही रास्ता अख्तियार किया है, जो आने जाने वाले लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

दरअसल बवाना विधानसभा के अंतर्गत आने वाले रोहिणी सेक्टर 23(Rohini Sector 23) में महावीर एनक्लेव के लोगों ने सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए मुख्य द्वार पर 'जब तक रोड नहीं तब तक वोट नहीं' का बैनर लगा रखा है, जो स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन के खिलाफ उनकी नाराजगी को दर्शाता है. स्थानीय लोगों का यह विरोध-प्रदर्शन तमाम जनप्रतिनिधियों पर सवाल खड़े करता है जो वोट लेने के बाद अपने क्षेत्र के लोगों की बिल्कुल भी सुध नहीं लेते.

रोहिणी में सड़क की समस्या से लोग परेशान

ये भी पढ़ें: द्वारका पुलिस लाइन के पास सीवर डालने के बाद कई जगह धंसी सड़क

स्थानीय लोगों की मानें तो यहां पर कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. सबसे बड़ी समस्या सड़क बनी हुई है. लोगों के अनुसार विगत कई वर्षों से सड़क बदहाल स्थिति में है. यहां पर आए दिन हादसे होते रहते हैं, विशेषतौर पर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग इसके शिकार होते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क की इस समस्या को लेकर तमाम जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की गई, साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों तक भी अपनी आवाज पहुंचाई गई, लेकिन उन्हें सिवाय आश्वासन के कुछ भी नहीं मिला. नतीजतन सड़क आज भी उसी स्थिति में है. जिस कारण लोगों को मजबूरन स्थानीय जनप्रतिनिधि के खिलाफ इस तरह का रास्ता अख्तियार करना पड़ा.

ये भी पढ़ें: द्वारका में 60 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है सड़क और सीवर, लोगों में खुशी

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र का विकास कार्य डीडीए के अंतर्गत आता है और डीडीए ने सड़क निर्माण का कार्य एमसीडी को सौंप रखा है. तमाम शिकायतों के जवाब का हवाला देते हुए स्थानीय लोगों ने बताया कि इस सड़क के निर्माण के लिए डीडीए द्वारा एमसीडी को फंड भी जारी कर दिया गया है, लेकिन एमसीडी के सुस्त रवैए के कारण अभी तक मामले में कुछ नहीं किया गया है. स्थानीय लोगों ने संबंधित विभाग पर लापरवाही का भी आरोप लगाया है. स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधि पर आरोप लगाते हुए कहा कि वोट लेने के बाद वह यहां की जनता को भूल गए हैं. इसलिए विरोध प्रकट करते हुए लोगों का साफ कहना है कि जब तक रोड नहीं तब तक वोट नहीं.

ये भी पढ़ें: दिल्ली: 20 साल से सड़क और नाली बनाने की मांग कर रहे लाेग

बहरहाल स्थानीय लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान निकाला जाए, ताकि उन्हें भी वो मूलभूत सुविधाएं मिल सके जिसके वे हकदार हैं. स्थानीय लोगों के दावे के आधार पर यह कहा जा सकता है कि संबंधित विभाग भी इस ओर आंख मूंद कर बैठा है और फंड जारी होने के बावजूद भी क्षेत्र में विकास कार्य अधर में लटका हुआ है.

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नई दिल्ली: दिल्ली में लोग अक्सर अपनी समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करते देखे जाते हैं. इसके इतर दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 23 के स्थानीय लोगों ने अपना विरोध जताने के लिए एक अलग ही रास्ता अख्तियार किया है, जो आने जाने वाले लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

दरअसल बवाना विधानसभा के अंतर्गत आने वाले रोहिणी सेक्टर 23(Rohini Sector 23) में महावीर एनक्लेव के लोगों ने सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए मुख्य द्वार पर 'जब तक रोड नहीं तब तक वोट नहीं' का बैनर लगा रखा है, जो स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन के खिलाफ उनकी नाराजगी को दर्शाता है. स्थानीय लोगों का यह विरोध-प्रदर्शन तमाम जनप्रतिनिधियों पर सवाल खड़े करता है जो वोट लेने के बाद अपने क्षेत्र के लोगों की बिल्कुल भी सुध नहीं लेते.

रोहिणी में सड़क की समस्या से लोग परेशान

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स्थानीय लोगों की मानें तो यहां पर कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. सबसे बड़ी समस्या सड़क बनी हुई है. लोगों के अनुसार विगत कई वर्षों से सड़क बदहाल स्थिति में है. यहां पर आए दिन हादसे होते रहते हैं, विशेषतौर पर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग इसके शिकार होते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क की इस समस्या को लेकर तमाम जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की गई, साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों तक भी अपनी आवाज पहुंचाई गई, लेकिन उन्हें सिवाय आश्वासन के कुछ भी नहीं मिला. नतीजतन सड़क आज भी उसी स्थिति में है. जिस कारण लोगों को मजबूरन स्थानीय जनप्रतिनिधि के खिलाफ इस तरह का रास्ता अख्तियार करना पड़ा.

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स्थानीय लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र का विकास कार्य डीडीए के अंतर्गत आता है और डीडीए ने सड़क निर्माण का कार्य एमसीडी को सौंप रखा है. तमाम शिकायतों के जवाब का हवाला देते हुए स्थानीय लोगों ने बताया कि इस सड़क के निर्माण के लिए डीडीए द्वारा एमसीडी को फंड भी जारी कर दिया गया है, लेकिन एमसीडी के सुस्त रवैए के कारण अभी तक मामले में कुछ नहीं किया गया है. स्थानीय लोगों ने संबंधित विभाग पर लापरवाही का भी आरोप लगाया है. स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधि पर आरोप लगाते हुए कहा कि वोट लेने के बाद वह यहां की जनता को भूल गए हैं. इसलिए विरोध प्रकट करते हुए लोगों का साफ कहना है कि जब तक रोड नहीं तब तक वोट नहीं.

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बहरहाल स्थानीय लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान निकाला जाए, ताकि उन्हें भी वो मूलभूत सुविधाएं मिल सके जिसके वे हकदार हैं. स्थानीय लोगों के दावे के आधार पर यह कहा जा सकता है कि संबंधित विभाग भी इस ओर आंख मूंद कर बैठा है और फंड जारी होने के बावजूद भी क्षेत्र में विकास कार्य अधर में लटका हुआ है.

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