नई दिल्ली: राजधानी के उत्तर-पश्चिमी संसदीय सीट से टिकट की उम्मीद लगाए भाजपा सांसद उदित राज को पार्टी ने दोबारा मौका नहीं दिया. उनकी जगह मशहूर गायक हंसराज हंस को सुरक्षित सीट से उतारा है. टिकट कटने का कारण क्या रहा? पार्टी की क्या नाराजगी है? और आगे उदित राज अब किस भूमिका में होंगे?
इस बात को रखने के लिए उन्होंने अपने सरकारी निवास पर प्रेसवार्ता की. जिसमें साफ शब्दों में कहा कि वे पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं, पार्टी उन्हें निकाल रही है. उदित राज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारी मन से कहा कि मेरा टिकट क्यों काटा और उन कारणों को ढूंढने की कोशिश कर रहा हूं. मोदी जी के नेतृत्व में आंख मूंदकर विश्वास करते हुए अपनी पार्टी इंडियन जस्टिस पार्टी को विलय कर दिया. अपना दल जैसे छोटी पार्टियां ज्यादा फायदे में रही. सिर्फ स्थानीय जनाधार होने के बावजूद बहुत कुछ भाजपा से लिया. उन्होंने कहा कि क्या दो अप्रैल 2018 को दलितों द्वारा भारत बंद का समर्थन करके गलती किया? एससी/ एसटी एक्ट और रोस्टर प्वाइंट के मुद्दे पर भारत बंद किया गया था यह गलत था? क्या महिलाओं के पक्ष में सबरीमाला मंदिर में उनके प्रवेश का समर्थन किया तो क्या इसकी सजा मिली? सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की आवाज उठाई? प्रधानमंत्री जी की उपस्थिति में मैंने संसद में सवाल किया था कि उच्च न्यायपालिका गरीब, दलित एवं पिछड़ा विरोधी है. क्या वह गलती थी? दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीलिंग के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का घेराव, क्या यह गलती थी?
'भाजपा पार्टी छोड़ने को मजबूर कर रही है'
उदित राज बोले, मैं हैरान इस बात से हूं कि इनमें से सारे कारण या कौन से कारण है जिसकी वजह से मेरा टिकट कटा. उन्होंने कहा कि भाजपा मुझे पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर कर रही है. देश में यह प्रचार किया जा रहा है कि भाजपा टिकट काम ईमानदार और योग्यता के आधार पर देती है. जब मैं पार्टी द्वारा कराए गए आंतरिक सर्वे और अच्छा काम करने में उत्तम हूं तो मेरा टिकट किस आधार पर काटा गया? अफसोस इस बात का है कि पार्टी ने मेरे पक्ष को प्रस्तुत करने का मौका भी नहीं दिया. घर में काम करने वाले की ही मर्जी पूछी जाती है. लेकिन मुझ से टिकट देने या ना देने के मामले में कभी पूछा ही नहीं गया.
राहुल और केजरीवाल ने किया था संपर्क
उदित राज ने अपने आगे की रणनीति को लेकर कहा कि उनका परिसंघ है और लोग पूरे देश भर में हैं. वहां बैठक चल रही हैं जो उनके कार्यकर्ताओं का निर्णय होगा वह वही करेंगे. भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने पर अन्य दलों से क्या प्रतिक्रिया आई? इस पर उदित राज ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनसे संपर्क किया था और कहा कि यह बात वह 4 महीने पहले जानते थे कि भाजपा उनका टिकट काटेगी. साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष से संसद में मुलाकात हुई थी तो तब राहुल गांधी ने भी कहा कि आप कहां गलत जगह फंस गए हो. क्या वे भाजपा से इस्तीफा देंगे इस पर उदित राज ने अपने पत्ते नहीं खोले.
ट्विटर हैंडल से चौकीदार कैसे हटा उन्हें नहीं पता
पार्टी से नाराज चल रहे हैं उदित राज के ट्विटर हैंडल से अपने नाम के आगे चौकीदार शब्द हटा लिया और इस बाबत जब उनसे सवाल पूछा गया कि ऐसा उन्होंने क्यों किया? तो उदित राज ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम क्योंकि वह खुद ट्विटर नहीं चलाते किसी ने हटा दिया है वह उसे जुड़वा देंगे.