नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने सिविल लाइंस इलाके में वीरेंद्र सिंह रावत की हत्या कर लूटा करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों के पास से हथियार भी बरामद किया गया है. वहीं इस मामले में अभी और भी गिरफ्तारी होनी बाकी है.
जिले के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि आरोपी आलम और फिरोज तक पहुंचने के लिए पुलिस 100 से ज्यादा cctv फुटेज को चेक करके उनके रूट को फॉलो करती हुई आरोपियों तक पहुंची. बुराड़ी इलाके के उत्तराखंड पार्ट 2 में रहने वाले वीरेंद्र फतेहपुरी में प्राइवेट काम करते थे. उनके पास जो बैग था, आरोपियों को लगा उसमे कैश ज्यादा होगा, लेकिन बैग में कुछ खास नहीं निकला. पुलिस को मौके पर दो खाली खोखा मिला था.
पूछताछ में भी पुलिस को साफ हो गया की लूटपाट का विरोध करने पर आरोपीयों ने रावत को गोली मार दी थी, क्योंकि लुटेरे उनका बैग छीनने की कोशिश कर रहे थे. उसी दौरान आरोपियों ने कई राउंड फायरिंग की, जिनमें से एक गोली रावत के सीने पर लग गई थी. इसके बाद आरोपी बैग लूटकर फरार हो गए थे.
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इस मामले को सुलझाने के लिए 8 टीमें बनाई गई थी. पहले एक आरोपी आलम की पहचान करके उसे पकड़ा गया. यह पहले से दो मामलों में शामिल था. उससे पूछताछ के बाद उसके एक और साथी फिरोजपुर उर्फ दारु उर्फ ठेकेदार को पकड़ा गया, जो मंडोली का रहने वाला है. यह पहले से पांच मामलों में शामिल रहा है. इसने पुलिस को बताया कि 6 लोगों ने मिलकर वारदात को अंजाम दिया था. चार की अभी तलाश की जा रही है. इन्होंने वारदात को अंजाम देने के लिए बिना नंबर की स्कूटी का इस्तमाल किया था, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है.
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