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किराड़ी: अगर-नगर के लोग बने आत्मनिर्भर, जलभराव की समस्या खत्म कर बनाया राम सेतु

दिल्ली के किराड़ी के अगर-नगर इलाके में अक्सर लोगों के सामने जलभराव की समस्या आम रहती है. ऐसे में खुद ही लोगों ने 70 हजार रुपये का चंदा इकट्ठा कर रास्ते का निर्माण किया. इससे आज लोगों को आने-जाने में काफी आसानी हो रही है.

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Published : Oct 7, 2020, 4:49 PM IST

residents of agar nagar constructed path to resolve water logging problem in kirari
अगर-नगर के लोगों ने जलभराव की समस्या को खत्म कर बनाया रास्ता

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में अक्सर लोग जलभराव की समस्या से ग्रस्त रहते है. ऐसे में वे अधिकारियों से शिकायतें कर के थक जाते है, लेकिन किराड़ी के अगर-नगर में कुछ अलग ही देखा. यहां पर पिछले कई सालों से लोग जलजमाव की समस्या से परेशान थे. ऐसे में लोगों ने खुद ही चंदा इकट्ठा कर पानी के ऊप पत्थरों से रास्ते का निर्माण किया. इस रास्ते का निर्माण स्थानीय लोगों ने 70 हजार रुपये की लागत लगाकर खुद किया.

अगर-नगर के लोगों ने जलभराव की समस्या को खत्म कर बनाया रास्ता

जलजमाव से बढ़ी बीमारियां

स्थानीय निवासी बैजनाथ मिश्रा ने बताया कि पिछले कई सालों से क्षेत्र की बहुत ही बुरी दुर्दशा थी. इसी के साथ घरों के साथ-साथ सड़कों, गलियों पर भी पानी जमा रहता था. जलभराव के कारण क्षेत्र में चिकनगुनिया, मलेरिया, डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियों से लोग डरे हुए हैं. इसको लेकर कई बार विधायकों को शिकायत की गई, लेकिन किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया. हाल ये है कि पानी लोगों के मकानों की बुनियाद में जा रहा है, जिससे मकानों में सीलन की समस्या भी बढ़ गई है.

रास्ते के निर्माण से मिली राहत

बैजनाथ मिश्रा ने बताया कि अगर-नगर इलाके के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर पानी के बीच में रास्ते का निर्माण किया. इसका निर्माण 70 हजार रुपये की लागत के साथ किया गया. इसका नाम राम सेतु रखा गया. 4-5 फिट पानी के बीच में इस रास्ते का निर्माण करने में 15-20 दिन लगे. इस रास्ते के बनने से मुंडका, स्वर्ण पार्क, इंडस्ट्रियल एरिया में काम करने वाले लोगों के लिए और भी आसानी हो गई है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में अक्सर लोग जलभराव की समस्या से ग्रस्त रहते है. ऐसे में वे अधिकारियों से शिकायतें कर के थक जाते है, लेकिन किराड़ी के अगर-नगर में कुछ अलग ही देखा. यहां पर पिछले कई सालों से लोग जलजमाव की समस्या से परेशान थे. ऐसे में लोगों ने खुद ही चंदा इकट्ठा कर पानी के ऊप पत्थरों से रास्ते का निर्माण किया. इस रास्ते का निर्माण स्थानीय लोगों ने 70 हजार रुपये की लागत लगाकर खुद किया.

अगर-नगर के लोगों ने जलभराव की समस्या को खत्म कर बनाया रास्ता

जलजमाव से बढ़ी बीमारियां

स्थानीय निवासी बैजनाथ मिश्रा ने बताया कि पिछले कई सालों से क्षेत्र की बहुत ही बुरी दुर्दशा थी. इसी के साथ घरों के साथ-साथ सड़कों, गलियों पर भी पानी जमा रहता था. जलभराव के कारण क्षेत्र में चिकनगुनिया, मलेरिया, डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियों से लोग डरे हुए हैं. इसको लेकर कई बार विधायकों को शिकायत की गई, लेकिन किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया. हाल ये है कि पानी लोगों के मकानों की बुनियाद में जा रहा है, जिससे मकानों में सीलन की समस्या भी बढ़ गई है.

रास्ते के निर्माण से मिली राहत

बैजनाथ मिश्रा ने बताया कि अगर-नगर इलाके के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर पानी के बीच में रास्ते का निर्माण किया. इसका निर्माण 70 हजार रुपये की लागत के साथ किया गया. इसका नाम राम सेतु रखा गया. 4-5 फिट पानी के बीच में इस रास्ते का निर्माण करने में 15-20 दिन लगे. इस रास्ते के बनने से मुंडका, स्वर्ण पार्क, इंडस्ट्रियल एरिया में काम करने वाले लोगों के लिए और भी आसानी हो गई है.

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