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किसान आंदोलन के कारण कम हुई नांगलोई जनता मार्केट की रौनक, व्यापारी परेशान

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Published : Feb 25, 2021, 7:42 AM IST

किसान आंदोलन की वजह से बॉर्डर सील होने के कारण दिल्ली के छोटे व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है. नांगलोई की जनता होलसेल मार्केट के लिए मशहूर है, लेकिन बॉर्डर सील होने की वजह से मार्केट में मंदी छायी हुई है. जिसकी वजह से व्यापारी काफी परेशान हैं.

Recession in janta market of Nangloi due to farmer protest
नांगलोई जनता मार्केट

नई दिल्ली: किसान आंदोलन को 3 महीने पूरे होने जा रहे हैं और आंदोलन की वजह से बॉर्डर सील होने के कारण इस बीच व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है. कुछ ऐसा ही हाल नांगलोई की जनता मार्केट का है, जो होलसेल मार्केट के लिए मशहूर है. लेकिन बॉर्डर सील होने के बाद से मार्केट में व्यापार पूरी तरह ठप पड़ गया है.

नांगलोई जनता मार्केट की रौनक हुई कम

आप देख सकते हैं यह नजारा उसी मार्केट का है, जहां कभी दिन भर ग्राहकों की भीड़ लगी रहती थी. लेकिन जब से बॉर्डर सील हुए हैं, तब से मार्केट में सामान की खरीददारी करने आने वाले ग्राहकों की संख्या में कमी आ चुकी है. इस बारे में हमारी टीम से बातचीत करते हुए जनता मार्केट के मेंबर सुभाष बिंदल और दुकानदारों ने बताया कि मार्केट में अब केवल 30% से 40% काम हो रहा है.

ये भी पढ़ें:-कोरोना के नाम पर पहले सील फिर डी-सील, नागलोई मार्केट में बंद-चालू का खेल!

उनका कहना है कि किसान आंदोलन शुरू होने से पहले हरियाणा के बहादुरगढ़ से काफी खरीददार इस मार्केट में होलसेल रेट पर सामान की खरीददारी करने आते थे. क्योंकि यह मार्केट भी खारी बावली मार्केट की तरह ही होलसेल रेट के लिए जानी जाती है. लेकिन जब से बॉर्डर सील हुए हैं, तब से ऐसे खरीददारों का आना कम हो गया है.

ये भी पढ़ें:-किसान आंदोलन का असर: बॉर्डर सील होने से फीकी पड़ी नांगलोई मार्केट की रौनक

इसकी वजह से दुकानदार अब अपने परिवार का पालन पोषण करना तो दूर, दुकान में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं निकाल पा रहे हैं. और अगर आगे भी ऐसा ही चलता रहा, तो उन्हें और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

नई दिल्ली: किसान आंदोलन को 3 महीने पूरे होने जा रहे हैं और आंदोलन की वजह से बॉर्डर सील होने के कारण इस बीच व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है. कुछ ऐसा ही हाल नांगलोई की जनता मार्केट का है, जो होलसेल मार्केट के लिए मशहूर है. लेकिन बॉर्डर सील होने के बाद से मार्केट में व्यापार पूरी तरह ठप पड़ गया है.

नांगलोई जनता मार्केट की रौनक हुई कम

आप देख सकते हैं यह नजारा उसी मार्केट का है, जहां कभी दिन भर ग्राहकों की भीड़ लगी रहती थी. लेकिन जब से बॉर्डर सील हुए हैं, तब से मार्केट में सामान की खरीददारी करने आने वाले ग्राहकों की संख्या में कमी आ चुकी है. इस बारे में हमारी टीम से बातचीत करते हुए जनता मार्केट के मेंबर सुभाष बिंदल और दुकानदारों ने बताया कि मार्केट में अब केवल 30% से 40% काम हो रहा है.

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उनका कहना है कि किसान आंदोलन शुरू होने से पहले हरियाणा के बहादुरगढ़ से काफी खरीददार इस मार्केट में होलसेल रेट पर सामान की खरीददारी करने आते थे. क्योंकि यह मार्केट भी खारी बावली मार्केट की तरह ही होलसेल रेट के लिए जानी जाती है. लेकिन जब से बॉर्डर सील हुए हैं, तब से ऐसे खरीददारों का आना कम हो गया है.

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इसकी वजह से दुकानदार अब अपने परिवार का पालन पोषण करना तो दूर, दुकान में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं निकाल पा रहे हैं. और अगर आगे भी ऐसा ही चलता रहा, तो उन्हें और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

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