नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों में सातों सीटें जीतने के बाद अब बीजेपी की नजर विधानसभा चुनावों पर है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने 70 में से 60 सीटें जीतने का दावा किया, तो कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने इस पर सवाल उठा दिये. लिलोठिया का कहना है कि 70 में से 60 सीटों का दावा ईवीएम में गड़बड़ी के संकेत दे रहा है.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सातों सीटों पर जीत हासिल की. इस जीत से उत्साहित बीजेपी अब विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत का दावा कर रही है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने 70 विधानसभा सीटों में 60 जीतने का दावा किया है. जिस पर दिल्ली कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने मनोज तिवारी पर करारा प्रहार किया है.
राजेश लिलोठिया ने बताया कि जिस तरीके से मनोज तिवारी विधानसभा चुनाव में 70 में से 60 सीटें लाने का दावा कर रहे हैं ये बेहद ही चौंकाने वाली बात है. उनका कहना है कि ये विपक्ष के लिए चुनौती नहीं बल्कि आम जनता के लिए सीधे तौर पर चुनौती है. क्योंकि विधानसभा चुनाव अभी आए नहीं है. उससे पहले ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का ये बयान काफी चिंता का विषय है.
'मनोज तिवारी को कैसे पता 70 में से 60 सीटें आएंगी'
राजेश लिलोठिया ने कहा कि मनोज तिवारी को आखिर कैसे पता कि उनके पाले में 70 में से 60 सीटें होंगी. ऐसे में सीधे तौर पर कहीं ना कहीं बीजेपी कोई तो गड़बड़ी जरूर कर रही है.
ईवीएम पर उठाए सवाल
राजेश लिलोठिया ने कहा कि अगर मनोज तिवारी को 70 में से 60 सीटें आने के बारे में पता है तो कहीं ना कहीं ईवीएम को पहले से ही फिक्स कर दिया गया है. जिसके चलते उनको ये जानकारी पहले से ही मिल रही है. इसलिए उनका कहना है कि जिस तरीके से मनोज तिवारी बयानबाजी कर रहे हैं. ये चिंता की बात है. इसलिए जरूरी है कि आम जनता के साथ खिलवाड़ ना हो.
'कांग्रेस करेगी जमीनी मेहनत'
लोकसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस विधानसभा चुनावों में जीतोड़ मेहनत का दावा कर रही है. कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जमीनी स्तर पर लोगों को जोड़ने का काम कर रही है. इसके लिए व्यक्तिगत संबंध बनाकर लोगों के बीच जाया जाएगा, लोकसभा चुनावों में जहां कमी रही है उसको दूर किया जा रहा है और ये विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगी.
फिलहाल विधानसभा चुनाव आने में अभी करीब 6 महीने का समय बाकी है, लेकिन इससे पहले ही राजनीतिक सुगबुगाहट और खींचातान शुरू हो गई है. देखना होगा कि जिस तरीके से बयानबाजी की जा रही है, उसका आने वाले वक्त में क्या असर दिखता है.