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अनाधिकृत कॉलोनी: 22 साल बाद अवैध घर हुआ वैध, रजिस्ट्री मिलते ही रोने लगे रूपांजय

दिल्ली के रोहणी में इलाके की अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले रूपांजय को प्रधानमंत्री उदय योजना के तहत अपने घर के मालिकाना हक संबंधी रजिस्ट्री पेपर मिलने पर उनकी आंखों से खुशी के आंसू निकल आए.

Raja vihar unauthorized colony authorized by modi govt Reaction of local Rupanjay
22 साल बाद चैन की नींद सो सकेंगे रूपांजय
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Published : Jan 3, 2020, 5:16 PM IST

Updated : Jan 3, 2020, 5:41 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के रोहिणी विधानसभा के अंतर्गत आने वाले राजा विहार में रहने वाले रूपांजय आज सालों बाद चैन की नींद सो सकेंगे. दरअसल राजा विहार में जिस जगह इनका घर है यह अनाधिकृत कॉलोनी में शामिल था.

22 साल बाद चैन की नींद सो सकेंगे रूपांजय

22 साल पहले खरीदा घर अब हुआ वैध
बताते हैं कि 22 साल पहले इनके पिताजी ने वह घर परिवार के लिए खरीदा था तब यह कॉलोनी अवैध थी. उसके वैध होने की चर्चाएं दशकों से चल रही थी. कुछ हासिल नहीं हुआ. मगर पिछले दिनों जिस तरह केंद्र सरकार ने दिल्ली के अनाधिकृत कॉलोनी के घरों को नियमित करने का फैसला लिया, उनकी कॉलोनी सबसे पहले अधिकृत की गई. उन्हें आज इसका मालिकाना हक भी मिल गया है.

'रजिस्ट्री पेपर मिलते ही निकले आंसू'
22 साल से डर के साये में रह रहे थे घर में रूपांजय बताते हैं कि पूरे परिवार के साथ वो 22 साल से यहां रह रहे हैं. हमेशा डर सताता था कि उनके घर को कोई तोड़ ना दें. नगर निगम सील न कर दें. कहीं कोई किसी तरह से कब्जा ना कर ले. लेकिन आज जब केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने उन्हें उनके घर का मालिकाना हक संबंधी रजिस्ट्री पेपर सौंपा तो उनके आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े. यह उनकी जिंदगी का यादगार पल बन गया.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के रोहिणी विधानसभा के अंतर्गत आने वाले राजा विहार में रहने वाले रूपांजय आज सालों बाद चैन की नींद सो सकेंगे. दरअसल राजा विहार में जिस जगह इनका घर है यह अनाधिकृत कॉलोनी में शामिल था.

22 साल बाद चैन की नींद सो सकेंगे रूपांजय

22 साल पहले खरीदा घर अब हुआ वैध
बताते हैं कि 22 साल पहले इनके पिताजी ने वह घर परिवार के लिए खरीदा था तब यह कॉलोनी अवैध थी. उसके वैध होने की चर्चाएं दशकों से चल रही थी. कुछ हासिल नहीं हुआ. मगर पिछले दिनों जिस तरह केंद्र सरकार ने दिल्ली के अनाधिकृत कॉलोनी के घरों को नियमित करने का फैसला लिया, उनकी कॉलोनी सबसे पहले अधिकृत की गई. उन्हें आज इसका मालिकाना हक भी मिल गया है.

'रजिस्ट्री पेपर मिलते ही निकले आंसू'
22 साल से डर के साये में रह रहे थे घर में रूपांजय बताते हैं कि पूरे परिवार के साथ वो 22 साल से यहां रह रहे हैं. हमेशा डर सताता था कि उनके घर को कोई तोड़ ना दें. नगर निगम सील न कर दें. कहीं कोई किसी तरह से कब्जा ना कर ले. लेकिन आज जब केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने उन्हें उनके घर का मालिकाना हक संबंधी रजिस्ट्री पेपर सौंपा तो उनके आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े. यह उनकी जिंदगी का यादगार पल बन गया.

Intro:- एक्सक्लुसिव स्टोरी - नई दिल्ली. दिल्ली के रोहिणी विधानसभा के अंतर्गत आने वाले राजा विहार में रहने वाले रूपंजाय आज वर्षों बाद चैन की नींद सो सकेंगे. दरअसल, राजा विहार में जिस जगह इनका घर है यह अनधिकृत कॉलोनी में शामिल था. बताते हैं कि 22 साल पहले इनके पिताजी ने वह घर परिवार के लिए खरीदा. कॉलोनी अवैध थी. उसके वैध होने की चर्चाएं दशकों से चल रही थी. कुछ हासिल नहीं हुआ. मगर पिछले दिनों जिस तरह केंद्र सरकार ने दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनी के घरों को नियमित करने का फैसला लिया, उनकी कॉलोनी सबसे पहले अधिकृत की गई. उन्हें आज इसका मालिकाना हक भी मिल गया है.


Body:22 साल से डर के साये में रह रहे थे घर में रूपंजाय बताते हैं कि पूरे परिवार के साथ को 22 साल से यहां रह रहे हैं. हमेशा डर सताता था कि उनके घर को कोई तोड़ ना दें. नगर निगम सील न कर दें. कहीं कोई किसी तरह से कब्जा ना कर ले. प्रधानमंत्री उदय योजना के तहत अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वालों को मिलेगा मालिकाना हक मगर पिछले दिनों जिस तरह प्रधानमंत्री उदय योजना के तहत कॉलोनियों को नियमित करने की कवायद शुरू हुई, आज जब केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने उन्हें उनके घर का मालिकाना हक संबंधी रजिस्ट्री पेपर सौंपा तो उनके आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े. यह उनकी जिंदगी का यादगार पल बन गया. आज जिन 20 लोगों के घर का मालिकाना हक मिला है वे अपने घर में चैन की नींद सो सकेंगे. दिल्ली सरकार के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में हुई रजिस्ट्री रजिस्ट्री करने को लेकर भले ही दिल्ली सरकार गुमराह कर रही हो, लेकिन इसके लिए डीडीए की वेबसाइट पर जो फॉर्म निकाले गए थे रूपंजाय और उनके जैसे अन्य लोगों ने उसे भरा. जो प्रक्रिया बताई गई उसका फॉलो किया और लिबासपुर स्थित सब रजिस्ट्रार कार्यालय में उनकी संपत्ति का रजिस्ट्री हुआ. उन्हें काफी खुशी है कि अब देश की राजधानी दिल्ली में उनका भी वैध ठिकाना हो गया है.


Conclusion:बता दें कि दिल्ली के 1731 अनधिकृत कॉलोनी में रहने वाले तकरीबन 40 लाख लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने के लिए प्रधानमंत्री उदय योजना के नाम से केंद्र सरकार ने स्कीम शुरू की है. शुक्रवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने रजिस्ट्री मालिकाना हक देने की शुरुआत करते हुए रोहिणी विधानसभा के अंतर्गत आने वाले राजा विहार और सूरज पार्क में रहने वाले 20 लोगों को संपत्ति का मालिकाना हक देते हुए उन्हें रजिस्ट्री के दस्तावेज दिया है. समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated : Jan 3, 2020, 5:41 PM IST
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