नई दिल्ली: तारीख 1 जनवरी 2023... दिन रविवार... पूरा देश जश्न के माहौल में सराबोर था. जी हां जब देश में सभी लोग नए साल का जश्न मना रहे थे. उस वक्त राजधानी दिल्ली से ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया. इस मामले ने ना केवल इंसानियत को शर्मसार किया बल्कि दिल्ली पुलिस की सुरक्षा के दावों की भी पोल खोल दी.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं कंझावला हिट एंड रन केस की. बता दें कि बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में 31 दिसंबर और 1 जनवरी की बीच की रात को स्कूटी सवार अंजलि को कार ने टक्कर मार दी. टक्कर मारने के बाद भी कार में सवार युवकों ने अपनी गाड़ी को नहीं रोका और कार में फंसी अंजलि को कई किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गए. और, कंझावला इलाके में उसे नग्न अवस्था में छोड़कर चले गए. इस हादसे में अंजलि की मौत हो गई. इस घटना के बाद लोगों में आक्रोश का माहौल भी देखने को मिला था.
आज इस घटना को एक साल बीत गए हैं, लेकिन इस एक साल के दौरान राजधानी दिल्ली की तस्वीर कितनी बदली यह सबसे बड़ा सवाल है. एक साल बाद फिर से हमारी टीम उसी सड़क पर पहुंची. यह पता लगाने कि रात के समय में सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस कितनी मुस्तैद है. जिस दिल्ली पुलिस के दम पर दिल्लीवासी राहत की नींद सोते हैं.
क्या समय के साथ बदल गई सुरक्षा व्यवस्था? बता दें, स्कूटी में कार से टक्कर लगते ही अंजलि कार के सामने गिरी, और सड़क पर फिसलन अधिक होने से अंजलि कार के नीचे आसानी से चली गई. पुलिस जांच में यह भी पता चला कि अंजलि का पैर बुरी तरह से कार में फंस गया था, और वह घसीटती हुई कंझावला रोड पर निकल गई. कंझावला कांड में जांच टीम को करीब 200 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद एक ऐसा सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा, जिससे इस केस की दिशा ही बदल दी थी. साथ ही पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए थे.
दिल्ली की सड़कों पर सुरक्षा व्यवस्था कितनी चाक चौबंद है इसकी वास्तविक तस्वीर के लिए हमारी टीम कंझावला सड़क पर निकली, और यह जानने का प्रयास किया कि एक बार फिर से नए साल के जश्न के मौके पर दिल्ली पुलिस कितनी मुस्तैद है. इस दौरान हम सबसे पहले पहुंचे रोहिणी सेक्टर 22 की रेड लाइट पर, जहां पर बेरिकेट्स लगा कर पुलिस सुरक्षा में तैनात दिखाई दी. इस दौरान पुलिस वाहनों की चेकिंग करती हुई भी नजरी आई.
जानकारी के अनुसार, आरोपियों की कार कंझावला रोड से अमन विहार थाना रोड पर मुड़ गई, फिर वापस कार कंझावला रोड पर आ गई. करीब 20 किलोमीटर के इस सड़क पर रोहिणी सेक्टर 22 के बाद हमारी टीम पहुंची कंझावला चौक. कंझावला चौक पर भी रात के समय पुलिस बेरिकेट्स लगा कर चेकिंग करती हुई नजर आई. यहां सुरक्षा के मद्देनजर खुद एसीपी भी मोर्चा संभालते हुए दिखाई दिए. घटना के बाद बेमगपुर, कंझावला चौक पार करती हुई कार जौंती गांव होते हुए कटेवरा गांव के पास पहुंची. फिर यहां से कार यू-टर्न लेकर वापस फिर कंझावला चौक तक आई. यहां से कार मोड़ते हुए आरोपित फिर जौंती गांव पहुंचे. जहां सुनसान जगह देख सभी आरोपित ने कार के नीचे फंसी अंजलि को बाहर निकाल, फरार हो गए. हमारी टीम जौंती गांव के उस जगह पर भी पहुंची जहां पर आरोपियों ने अंजलि को सुनसान सड़क पर छोड़ दिया था.
ईटीवी भारत की पड़ताल के दौरान तमाम चौक चौराहों पर सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बेरिकेटिंग पर मुस्तैदी के साथ तैनात नजर आई. खुद पुलिस के आलाधिकारी भी मार्च संभालते हुए दिखे, लेकिन इस दौरान पीसीआर की गश्त नदारद नजर आई. इस हादसे के बाद से अंजलि की मां ने आरोपियों के खिलाफ फांसी की सजा की मांग की. लिहाजा देखना लाजमी होगा कि आखिर कब तक परिवार को न्याय मिल पाता है.