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श्रीकृष्ण गौशाला में 9 हजार गौवंश की हुई परिक्रमा - श्री कृष्ण गौशाला में पालकी परिक्रमा

मौनी अमावस्या के अवसर पर कंझावला स्थित श्रीकृष्ण गौशाला में पालकी परिक्रमा का आयोजन किया गया. इसमें तकरीबन 9 हजार गौवंश की परिक्रमा कर पूजा आरती की गई. इस अवसर पर बड़ी संख्या में गौभक्त नजर आए.

Palki Parikrama organized in Shri Krishna Gaushala kanjhawala
श्री कृष्ण गौशाला में पालकी परिक्रमा का आयोजन
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Published : Feb 11, 2021, 9:24 PM IST

नई दिल्ली: गुरुवार को मौनी अमावस्या के दिन दिल्ली के कंझावला स्थित श्रीकृष्ण गौशाला में पालकी परिक्रमा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में गौभक्त नजर आए और तकरीबन 9 हजार गोवंश की परिक्रमा कर पूजा आरती की.

श्री कृष्ण गौशाला में पालकी परिक्रमा का आयोजन

हर अमावस्या को होता है आयोजन

इस दौरान श्रीकृष्ण गौशाला के पदाधिकारियों ने बताया कि यहां हर अमावस्या के अवसर पर गोवंश की परिक्रमा की जाती है, जिसमें पालकी में लड्डू गोपाल की यात्रा कराई जाती है. लोगों को वृंदावन जैसी सहूलियत मिले इसी सोच के साथ यहां हर अमावस्या के अवसर पर गौवंश की परिक्रमा करते हैं. इसके अलावा इस दिन तमाम गौभक्त जो गौमाता में श्रद्धा रखते हैं, वो अमावस्या के दिन गौ सेवा करते हैं और परिक्रमा करते हुए भजन कीर्तन करते हुए पूजा आरती करते हैं.उन्होंने बताया कि यहां गौवंश की परिक्रमा करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

अमावस्या का खास महत्व

पूरे साल में 12 अमावस्या होती है. इसमें से मौनी अमावस्या का अपना खास महत्व है. इस दिन तेल, तिल, सूखी लकड़ी, कपड़े, गर्म वस्त्र, कंबल और जूते दान देने का विशेष महत्व है. धर्म शास्त्रों के अनुसार 12 महीनों में माघ मास को अति उत्तम माना गया है. गौरतलब है कि इस दिन लोग अपने पूर्वजों की भी पूजा करते हैं ताकि उन्हें प्रसन्नता मिले. इसी को लेकर इस गौशाला में गौवंश की परिक्रमा का आयोजन किया गया.

नई दिल्ली: गुरुवार को मौनी अमावस्या के दिन दिल्ली के कंझावला स्थित श्रीकृष्ण गौशाला में पालकी परिक्रमा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में गौभक्त नजर आए और तकरीबन 9 हजार गोवंश की परिक्रमा कर पूजा आरती की.

श्री कृष्ण गौशाला में पालकी परिक्रमा का आयोजन

हर अमावस्या को होता है आयोजन

इस दौरान श्रीकृष्ण गौशाला के पदाधिकारियों ने बताया कि यहां हर अमावस्या के अवसर पर गोवंश की परिक्रमा की जाती है, जिसमें पालकी में लड्डू गोपाल की यात्रा कराई जाती है. लोगों को वृंदावन जैसी सहूलियत मिले इसी सोच के साथ यहां हर अमावस्या के अवसर पर गौवंश की परिक्रमा करते हैं. इसके अलावा इस दिन तमाम गौभक्त जो गौमाता में श्रद्धा रखते हैं, वो अमावस्या के दिन गौ सेवा करते हैं और परिक्रमा करते हुए भजन कीर्तन करते हुए पूजा आरती करते हैं.उन्होंने बताया कि यहां गौवंश की परिक्रमा करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

अमावस्या का खास महत्व

पूरे साल में 12 अमावस्या होती है. इसमें से मौनी अमावस्या का अपना खास महत्व है. इस दिन तेल, तिल, सूखी लकड़ी, कपड़े, गर्म वस्त्र, कंबल और जूते दान देने का विशेष महत्व है. धर्म शास्त्रों के अनुसार 12 महीनों में माघ मास को अति उत्तम माना गया है. गौरतलब है कि इस दिन लोग अपने पूर्वजों की भी पूजा करते हैं ताकि उन्हें प्रसन्नता मिले. इसी को लेकर इस गौशाला में गौवंश की परिक्रमा का आयोजन किया गया.

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