नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच स्कूलों में शुरू हुई ऑनलाइन कक्षाएं बच्चों के जीवन को प्रभावित कर रही है. कोविड -19 के कारण किए गए लॉकडाउन के समय से ही सरकार ने बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया. उनकी पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की है. लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. सबसे बड़ी परेशानी आंखों की बनती जा रही है, उन्हें लगातार कई घंटे तक फोन से पढ़ाई करनी पड़ती है. इन दिक्कतों के बारे में किराड़ी विधानसभा में कई बच्चों से बात की गई. पेश है ईटीवी भारत की रिपोर्ट.
पढ़ाई का टाइम टेबल नहीं, टीचर फोन नहीं उठाती
किराड़ी विधानसभा में कई बच्चों से पूछा कि ऑनलाइन पढ़ाई की टाइमिंग क्या है और कितना समझ आया आ रहा है. केंद्रीय विद्यालय की बच्ची ने बताया टाइम टेबल से पढ़ाई होती है, टीचर सभी सब्जेक्ट के बारे में बताती हैं. वहीं सर्वोदय कन्या विद्यालय, निठारी के बच्चे ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई समझ नहीं आती, जब टीचर को फोन करो तो फोन नहीं उठाती हैं और पढ़ाई का टाइम टेबल नहीं है, किसी भी समय टीचर पढ़ाने लग जाती हैं. वहीं कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के छात्र ने भी बताया कि पढ़ाने का टाइम टेबल नहीं है पर कुछ सब्जेक्ट समझ नहीं आता तो कुछ सब्जेक्ट समझ आता है. ऑनलाइन क्लास करने से आंखों पर भी असर पड़ रहा है.
बार-बार फोन खोल कर देखना पड़ता है कहीं पढ़ाई तो चालू नहीं हुई
सर्वोदय कन्या विद्यालय निठारी में पढ़ने वाले बच्चे सुमित सोनी ने बताया कि मैं 11वीं क्लास में पढ़ता हूं. ऑनलाइन क्लास से पढ़ाई चल रही है, पर मेरे कुछ समझ में नहीं आता. टीचर को फोन करता हूं कई बार सब्जेक्ट के बारे में पूछने के लिए तो वह फोन नहीं उठाते हैं. सुबह से शाम तक किसी भी समय कभी भी टीचर पढ़ाने लगते हैं. इससे आंखों में दर्द रहता है और हमेशा फोन मेरे पास ही रहता है, बार-बार फोन खोल कर देखना पड़ता है कहीं पढ़ाई तो चालू नहीं हुई. सुमित सोनी के पिता ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई तो सरकार ने शुरू कर दी पर शिक्षकों पर लगाम नहीं लगा रहे हैं. टीचर किसी भी समय मनमाने तरीके से ऑनलाइन क्लास लेते हैं. जिससे बच्चों की आंखों पर असर पड़ रहा है. मेरे बच्चे की आंख पर चश्मा भी लग चुका है, ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से पूरे दिन बच्चे फोन पर लगे रहते हैं.
टीचर बहुत बारीकी से समझाते हैं
केंद्रीय विद्यालय की 11वीं क्लास की छात्रा खुशी वर्मा ने कहती है कि हमारे स्कूल के टीचर बहुत बारीकी से समझाते हैं. ऑनलाइन क्लासेस भी टाइम टेबल के अनुसार चल रही है, मुझे कोई कठिनाई नहीं है पढ़ने में. केंद्रीय विद्यालय की पढ़ाई बहुत अच्छी होती है, पहले मैं प्राइवेट स्कूल में पढ़ रही थी, वहां की पढ़ाई और यहां की पढ़ाई में जमीन आसमान का अंतर है.
कुछ सब्जेक्ट ऑनलाइन पढ़ाई से समझ नहीं आ रहा
कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस हॉस्टल में पढ़ने वाले समर्थ बताते हैं कि कुछ सब्जेक्ट समझ नहीं आ रहा, ऑनलाइन पढ़ाई से आंखों में भी दर्द रहने लगा है. जब मैं फोन करता हूं तो मैडम समझा तो देती हैं पर जो स्कूल में बैठकर ऑफलाइन पढ़ाई होती थी, वो ऑनलाइन पढ़ाई करने में कठिनाई हो रही है. सबसे बड़ी परेशानी हमारे लिए आंखों की बनती जा रही है. लगातार कई घंटे तक फोन से पढ़ाई करनी पड़ती है. आपको बता दें कि ऑनलाइन क्लास के लिए इस्तेमाल हो रहे फोन आजकल बच्चों की जिंदगी पर काफी असर डाल रहा है और इन सबके बीच कैसे बच्चों का बचपन पिस रहा है इस पर ध्यान देना भी जरूरी है.