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रोहिणी सेक्टर 22: दिल्ली सरकार के रैन बसेरे में मीठे पानी की सप्लाई नहीं - night shelters in Rohini Sector 22

दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 22 में दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए रैन बसेरा में मीठे पानी की सप्लाई नहीं है, इस वजह से रैन बसेरा में रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

No supply of fresh water in night shelters in Rohini Sector 22
दिल्ली सरकार के बनाए हुए रैन बसेरे में मीठे पानी की सप्लाई नहीं
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Published : Nov 21, 2020, 4:17 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी के रोहिणी सेक्टर 22 में अमन विहार थाने के स्थित दिल्ली सरकार द्वारा बनाया गया रैन बसेरा में मीठे पानी की सप्लाई नहीं है, इस वजह से रैन बसेरा में रहने वाले लोगों के लिए जल बोर्ड द्वारा पानी के टैंकर की व्यवस्था किया जाता है. ऐसे में यहां रहने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

दिल्ली सरकार के बनाए हुए रैन बसेरे में मीठे पानी की सप्लाई नहीं

बुजुर्गों को मिला सहारा

इस रैन बसेरा में उन बुजुर्ग लोगों का ध्यान रखा जाता है, जो बेघर होते हैं या फिर जिनका परिवार बुजुर्ग माता-पिता को निकालकर दर-दर ठोकर खाने के लिए मजबूर कर देते है. उन मजबूर असहाय लोगों को सहारा देने के लिए यह रैन बसेरा बनाया गया है, खाना पीना रहना हर चीज की व्यवस्था की गई है. अगर कोई कमी है तो वो मीठे पानी की सप्लाई की है, जिसका अभाव रैन बसेरा में रहने वाले लोगों के लिए बना हुआ है.

परिवार ने किया बेसहारा

रैन बसेरा में रहने वाले रामबाबू बताते हैं कि वे 6 महीने से यहां रह रहे हैं. उनके परिवार ने उन्हें निकाल दिया और कोई उन्हें सहारा नहीं देता. जिसकी वजह से आज वो दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर थे. ऐसे में आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें लाकर यहां पर रखा औऱ सहारा दिया. यहां पर सारी व्यवस्थाएं हैं. खाना-पीना नहाना-धोना सब यहीं होता है. वो इस रैन बसेरे में काफी खुश हैं.

पानी के अलावा सारी सुविधाएं

रैन बसेरा में देखरेख करने वाले कमलेश यादव बताते हैं यह 3 साल पुराना रैन बसेरा है. जिसमें कभी 30 लोग तो कभी 20 लोग ही रहते हैं. रैन बसेरे में सफाई हमेशा होती रहती है, खाना टाइम टेबल से देते हैं, किसी भी प्रकार की कोई भी असुविधा नहीं है. केवल पीने के पानी की समस्या है, जिससे बुजुर्गों को जूझना पड़ता है.

पाइपलाइन की दरकार

विपिन कुमार डागर यह बताया मीठे पानी की सप्लाई यहां नहीं है, क्योंकि पानी का पाइप लाइन नहीं है और पानी टैंकर से आता है. ऊपर हमारे फौजी भाई रहते हैं, कभी 80 तो कभी 100 से ज्यादा हो जाते हैं. 20 से 30 बुजुर्ग लोग भी इस रैन बसेरे में रहते हैं, इसलिए पानी की कमी पड़ जाती है. मीठे पानी की कमी का अभाव है, इसलिए सोच समझकर पानी खर्च करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर यहां पाइपलाइन पड़ जाएगी तो पानी की समस्या भी दूर हो जाएगी.

नई दिल्ली: राजधानी के रोहिणी सेक्टर 22 में अमन विहार थाने के स्थित दिल्ली सरकार द्वारा बनाया गया रैन बसेरा में मीठे पानी की सप्लाई नहीं है, इस वजह से रैन बसेरा में रहने वाले लोगों के लिए जल बोर्ड द्वारा पानी के टैंकर की व्यवस्था किया जाता है. ऐसे में यहां रहने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

दिल्ली सरकार के बनाए हुए रैन बसेरे में मीठे पानी की सप्लाई नहीं

बुजुर्गों को मिला सहारा

इस रैन बसेरा में उन बुजुर्ग लोगों का ध्यान रखा जाता है, जो बेघर होते हैं या फिर जिनका परिवार बुजुर्ग माता-पिता को निकालकर दर-दर ठोकर खाने के लिए मजबूर कर देते है. उन मजबूर असहाय लोगों को सहारा देने के लिए यह रैन बसेरा बनाया गया है, खाना पीना रहना हर चीज की व्यवस्था की गई है. अगर कोई कमी है तो वो मीठे पानी की सप्लाई की है, जिसका अभाव रैन बसेरा में रहने वाले लोगों के लिए बना हुआ है.

परिवार ने किया बेसहारा

रैन बसेरा में रहने वाले रामबाबू बताते हैं कि वे 6 महीने से यहां रह रहे हैं. उनके परिवार ने उन्हें निकाल दिया और कोई उन्हें सहारा नहीं देता. जिसकी वजह से आज वो दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर थे. ऐसे में आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें लाकर यहां पर रखा औऱ सहारा दिया. यहां पर सारी व्यवस्थाएं हैं. खाना-पीना नहाना-धोना सब यहीं होता है. वो इस रैन बसेरे में काफी खुश हैं.

पानी के अलावा सारी सुविधाएं

रैन बसेरा में देखरेख करने वाले कमलेश यादव बताते हैं यह 3 साल पुराना रैन बसेरा है. जिसमें कभी 30 लोग तो कभी 20 लोग ही रहते हैं. रैन बसेरे में सफाई हमेशा होती रहती है, खाना टाइम टेबल से देते हैं, किसी भी प्रकार की कोई भी असुविधा नहीं है. केवल पीने के पानी की समस्या है, जिससे बुजुर्गों को जूझना पड़ता है.

पाइपलाइन की दरकार

विपिन कुमार डागर यह बताया मीठे पानी की सप्लाई यहां नहीं है, क्योंकि पानी का पाइप लाइन नहीं है और पानी टैंकर से आता है. ऊपर हमारे फौजी भाई रहते हैं, कभी 80 तो कभी 100 से ज्यादा हो जाते हैं. 20 से 30 बुजुर्ग लोग भी इस रैन बसेरे में रहते हैं, इसलिए पानी की कमी पड़ जाती है. मीठे पानी की कमी का अभाव है, इसलिए सोच समझकर पानी खर्च करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर यहां पाइपलाइन पड़ जाएगी तो पानी की समस्या भी दूर हो जाएगी.

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