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दिल्ली का डबास गांव: 25 दिन में 42 मौतें, नहीं है कोरोना टेस्टिंग की सुविधा

दिल्ली के शहरी इलाकों में तांडव के बाद अब कोरोना गांवों में भी अपना असर दिखा रहा है. ग्रामीणों की मानें तो गांव में सरकार की तरफ से कोरोना को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं किया गया है. पिछले 25 दिनों में दिल्ली के डबास गांव में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे गांव में दहशत का माहौल है.

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डबास गांव में अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
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Published : May 15, 2021, 10:26 AM IST

नई दिल्ली: 'गांव पड़ताल' के तहत ETV BHARAT दिल्ली के डबास गांव पहुंचा. गांव में कोरोना से लगातार हो रही मौत से लोगों में दहशत है. गांव के लोग घरों से निकलने में भी परहेज कर रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि कोरोना महामारी अब शहरों के बाद ग्रामीण इलाकों में कहर बरपा रहा है. ये महामारी शहरों में पहले ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल चुकी है. अब गांवों के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की खस्ता हालत सामने है.

डबास गांव में अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

खोखले दावे !

हमारी 'गांव की पड़ताल' में दिल्ली स्वास्थ्य सेवाओं के दावे पूरी तरह खोखले साबित हुए. डबास गांव के लोगों ने बताया कि यहां किसी मोहल्ला क्लिनिक में उन्हें कोई खास सहायता नहीं मिल पा रही है. अस्पताल के नाम पर यहां एक महर्षि वाल्मीकि अस्पताल है जो कि नॉन कोविड है. ऐसे में यदि कोई कोरोना पॉजिटिव होता है तो उन्हें अस्पताल के लिए भी कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है.

लगातार हो रही मौतें
गांव के लोगों की मानें तो पिछले 15 से 20 दिनों में तकरीबन 40-50 लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. यहां स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गांव में हुई मौत का कारण कोविड है या नॉन कोविड इसका किसी को अंदाजा भी नहीं है. शायद इसी का परिणाम है कि इस मौत के आंकड़े ने गांव के लोगों में इतनी दहशत भर दी है कि वो अब घरों से बाहर तक नहीं निकल रहे हैं.

'टेंस्टिंग की व्यवस्था नहीं'

ग्रामीणों ने बताया कि यहां स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम आज तक नहीं पहुंची और यहां दूसरी लहर के प्रकोप के बावजूद कोरोना टेस्टिंग की भी कोई व्यवस्था नहीं है. गांव के लोगों ने सरकार से मांग की है कि सरकार एक बार इस गांव में भी झांके और गांव के लोगों को एक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाए.

पढ़ें-रामलीला मैदान में बने अस्थायी कोरोना अस्पताल में शनिवार से शुरू होंगे 250 आईसीयू बेड

नई दिल्ली: 'गांव पड़ताल' के तहत ETV BHARAT दिल्ली के डबास गांव पहुंचा. गांव में कोरोना से लगातार हो रही मौत से लोगों में दहशत है. गांव के लोग घरों से निकलने में भी परहेज कर रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि कोरोना महामारी अब शहरों के बाद ग्रामीण इलाकों में कहर बरपा रहा है. ये महामारी शहरों में पहले ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल चुकी है. अब गांवों के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की खस्ता हालत सामने है.

डबास गांव में अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

खोखले दावे !

हमारी 'गांव की पड़ताल' में दिल्ली स्वास्थ्य सेवाओं के दावे पूरी तरह खोखले साबित हुए. डबास गांव के लोगों ने बताया कि यहां किसी मोहल्ला क्लिनिक में उन्हें कोई खास सहायता नहीं मिल पा रही है. अस्पताल के नाम पर यहां एक महर्षि वाल्मीकि अस्पताल है जो कि नॉन कोविड है. ऐसे में यदि कोई कोरोना पॉजिटिव होता है तो उन्हें अस्पताल के लिए भी कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है.

लगातार हो रही मौतें
गांव के लोगों की मानें तो पिछले 15 से 20 दिनों में तकरीबन 40-50 लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. यहां स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गांव में हुई मौत का कारण कोविड है या नॉन कोविड इसका किसी को अंदाजा भी नहीं है. शायद इसी का परिणाम है कि इस मौत के आंकड़े ने गांव के लोगों में इतनी दहशत भर दी है कि वो अब घरों से बाहर तक नहीं निकल रहे हैं.

'टेंस्टिंग की व्यवस्था नहीं'

ग्रामीणों ने बताया कि यहां स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम आज तक नहीं पहुंची और यहां दूसरी लहर के प्रकोप के बावजूद कोरोना टेस्टिंग की भी कोई व्यवस्था नहीं है. गांव के लोगों ने सरकार से मांग की है कि सरकार एक बार इस गांव में भी झांके और गांव के लोगों को एक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाए.

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