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लॉकडाउन-4: नियमों में छूट के बाद भी ऑटो चालक का हाल बेहाल!

जहांगीरपुरी के बाबू जगजीवन राम अस्पताल के सामने ऑटो स्टैंड पर ऑटो चालक दिल्ली सरकार पर अपनी खीझ उतारते हुए बोल रहे हैं कि इससे तो पहले ही ठीक थे. ऑटो चलाने के लिए सरकार ने छूट तो दी, लेकिन नियमों में बांध दिया. डेली वेजेस के किराए पर ऑटो चलाने वाले ड्राइवर किराए को लेकर रो रहे हैं कि सवारी ना मिलने से परेशान है और मालिक पूरा किराया मांगता है.

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Published : May 29, 2020, 7:33 PM IST

lockdown 4 impact on auto drivers
लॉकडाउन में ऑटो चालकों का हाल

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते दिल्ली में लॉकडाउन 4 चल रहा है. दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन 4 के शुरू होने के साथ ही बस, ऑटो, टैक्सी और रिक्शा चालकों को सवारियां एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की छूट दी. लेकिन उनके साथ कुछ नियम और शर्ते भी लगाई. सरकार के नियम और शर्तों के बीच ऑटो चालक बुरी तरह फंस कर परेशान हैं और सरकार से नियम में बदलाव करने की मांग कर रहे हैं.

ऑटो चालकों ने बताई अपनी परेशानी
ईटीवी भारत ने जहांगीरपुरी के बाबू जगजीवन राम अस्पताल के सामने ऑटो स्टैंड पर ऑटो चालकों की परेशानियों के बारे में जाना. तो ऑटो चालक बोले कि इससे तो पहले ही ठीक थे. ऑटो चलाने के लिए सरकार ने छूट तो दी, लेकिन नियमों में बांध दिया. डेली वेजेस के किराए पर ऑटो चलाने वाले ड्राइवर किराए को लेकर रो रहे हैं कि सवारी ना मिलने से परेशान हैं और मालिक पूरा किराया मांगता है.


'दो सवारी बैठाने पर मोटे चालान का डर'


अस्पताल के सामने जमा ऑटो चालकों की भीड़ ने बताया कि दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन 4 के दौरान ऑटो चालकों को छूट तो दी, लेकिन नियम और शर्तों में बांध कर रख दिया. सुबह ऑटो लेकर सवारियों के इंतजार में स्टैंड पर आ जाते हैं. सवारिया भी सड़कों पर होती हैं. लेकिन मजबूरी है कि उन्हें बैठा नहीं सकते. क्योंकि ट्रैफिक पुलिस के मोटे चालान का डर भी है.

'खाली जेब भी घर जाना पड़ता है'


ऑटो चालकों ने बताया कि सवारियां भी ऑटो स्टैंड पर ऑटो के इंतजार में खड़ी रहती हैं. कई बार एक ही परिवार के दो या दो से ज्यादा लोग भी ऑटो में जाने के लिए आते हैं. किसी को अस्पताल तो किसी को ऑफिस जाना होता है. अब मजबूरी है कि ऑटो में एक सवारी बैठाने के नियम के चलते ज्यादा सवारी बैठा नहीं सकते. मजबूरी में सवारियों को मना ही करना पड़ता है. कई बार तो सुबह से शाम तक खाली जेब घर जाना पड़ता है. जिसकी वजह से काफी परेशानी भी होती है. कई ऑटो चालक तो ऐसे हैं जो किराए पर डेली वेजेस के हिसाब से किराया का ऑटो चलाते हैं उन लोगों का तो किराया भी निकल नहीं पा रहा है और मालिक को अपनी जेब से देना पड़ रहा है.


'सरकार से है अगले चरण में छूट की उम्मीद'


सभी ऑटो चालक सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं कि अब 31 मई के बाद जो नई एडवाइजरी दिल्ली सरकार जारी करेगी. उसमें ऑटो चालकों को छूट दी जाए. ताकि किराये के ऑटो का किराया भी निकल सके और अपने घर खर्चों को भी ठीक से निकल सके. करीब डेढ़ महीने से लोगों के काम-धंधे सब बंद थे और जब काम करने के लिए सड़कों पर निकले तो सरकार के नियमों ने बांध कर रख दिया.



'लगाते हैं मनमाना किराया वसूलने का आरोप'


ऑटो में सफर करने वाली सवारियों ने आरोप लगाया कि ऑटो चालक लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाना किराया वसूल रहे हैं. इस पर ऑटो चालकों ने कहा कि जब सवारियों की जेब में पैसे नहीं है, तो ऑटो चालक उनसे मनमाना किराया कैसे वसूल कर सकते हैं. लोग ऑटो के मीटर का किराया तो दे ही नहीं पा रहे हैं, तो मनमाना किराया कैसे देने को तैयार हो जाएंगे.


नई एडवाइजरी का इंतजार


जरूरत है दिल्ली सरकार 31 मई के बाद लॉकडाउन के लिए नई एडवाइजरी जारी करे. जिसमें सभी के काम-धंधे को ध्यान में रखते हुए विश्लेषण किया जाएगा. जिसमें ऑटो चालक भी सरकार से कुछ अलग से छूट मिलने की उम्मीद भी लगा रहे हैं. ताकि इन लोगों के घर का खर्च और ऑटो का किराया भी आराम से निकल सकें.

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते दिल्ली में लॉकडाउन 4 चल रहा है. दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन 4 के शुरू होने के साथ ही बस, ऑटो, टैक्सी और रिक्शा चालकों को सवारियां एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की छूट दी. लेकिन उनके साथ कुछ नियम और शर्ते भी लगाई. सरकार के नियम और शर्तों के बीच ऑटो चालक बुरी तरह फंस कर परेशान हैं और सरकार से नियम में बदलाव करने की मांग कर रहे हैं.

ऑटो चालकों ने बताई अपनी परेशानी
ईटीवी भारत ने जहांगीरपुरी के बाबू जगजीवन राम अस्पताल के सामने ऑटो स्टैंड पर ऑटो चालकों की परेशानियों के बारे में जाना. तो ऑटो चालक बोले कि इससे तो पहले ही ठीक थे. ऑटो चलाने के लिए सरकार ने छूट तो दी, लेकिन नियमों में बांध दिया. डेली वेजेस के किराए पर ऑटो चलाने वाले ड्राइवर किराए को लेकर रो रहे हैं कि सवारी ना मिलने से परेशान हैं और मालिक पूरा किराया मांगता है.


'दो सवारी बैठाने पर मोटे चालान का डर'


अस्पताल के सामने जमा ऑटो चालकों की भीड़ ने बताया कि दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन 4 के दौरान ऑटो चालकों को छूट तो दी, लेकिन नियम और शर्तों में बांध कर रख दिया. सुबह ऑटो लेकर सवारियों के इंतजार में स्टैंड पर आ जाते हैं. सवारिया भी सड़कों पर होती हैं. लेकिन मजबूरी है कि उन्हें बैठा नहीं सकते. क्योंकि ट्रैफिक पुलिस के मोटे चालान का डर भी है.

'खाली जेब भी घर जाना पड़ता है'


ऑटो चालकों ने बताया कि सवारियां भी ऑटो स्टैंड पर ऑटो के इंतजार में खड़ी रहती हैं. कई बार एक ही परिवार के दो या दो से ज्यादा लोग भी ऑटो में जाने के लिए आते हैं. किसी को अस्पताल तो किसी को ऑफिस जाना होता है. अब मजबूरी है कि ऑटो में एक सवारी बैठाने के नियम के चलते ज्यादा सवारी बैठा नहीं सकते. मजबूरी में सवारियों को मना ही करना पड़ता है. कई बार तो सुबह से शाम तक खाली जेब घर जाना पड़ता है. जिसकी वजह से काफी परेशानी भी होती है. कई ऑटो चालक तो ऐसे हैं जो किराए पर डेली वेजेस के हिसाब से किराया का ऑटो चलाते हैं उन लोगों का तो किराया भी निकल नहीं पा रहा है और मालिक को अपनी जेब से देना पड़ रहा है.


'सरकार से है अगले चरण में छूट की उम्मीद'


सभी ऑटो चालक सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं कि अब 31 मई के बाद जो नई एडवाइजरी दिल्ली सरकार जारी करेगी. उसमें ऑटो चालकों को छूट दी जाए. ताकि किराये के ऑटो का किराया भी निकल सके और अपने घर खर्चों को भी ठीक से निकल सके. करीब डेढ़ महीने से लोगों के काम-धंधे सब बंद थे और जब काम करने के लिए सड़कों पर निकले तो सरकार के नियमों ने बांध कर रख दिया.



'लगाते हैं मनमाना किराया वसूलने का आरोप'


ऑटो में सफर करने वाली सवारियों ने आरोप लगाया कि ऑटो चालक लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाना किराया वसूल रहे हैं. इस पर ऑटो चालकों ने कहा कि जब सवारियों की जेब में पैसे नहीं है, तो ऑटो चालक उनसे मनमाना किराया कैसे वसूल कर सकते हैं. लोग ऑटो के मीटर का किराया तो दे ही नहीं पा रहे हैं, तो मनमाना किराया कैसे देने को तैयार हो जाएंगे.


नई एडवाइजरी का इंतजार


जरूरत है दिल्ली सरकार 31 मई के बाद लॉकडाउन के लिए नई एडवाइजरी जारी करे. जिसमें सभी के काम-धंधे को ध्यान में रखते हुए विश्लेषण किया जाएगा. जिसमें ऑटो चालक भी सरकार से कुछ अलग से छूट मिलने की उम्मीद भी लगा रहे हैं. ताकि इन लोगों के घर का खर्च और ऑटो का किराया भी आराम से निकल सकें.

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