नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली को अगर हादसों का शहर कहा जाए तो शायद कहना गलत नहीं होगा. ऐसा इसलिए, क्योंकि दिल्ली के कई इलाकों में सड़कों की स्थिति बदहाल बनी हुई है. इन बदहाल सड़कों के कारण रोजाना वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं, कुछ ऐसा ही हाल कंझावला रोड का भी बना हुआ है. कंझावला मेन रोड दुर्दशा का दंश झेल रहा है, जिसका खामियाजा अक्सर यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को भुगतना पड़ता है.
दरअसल, वाहन चालक जैसे ही बेगमपुर पार करते हैं, तो इस सड़क की दयनीय स्थिति देखने को मिलती है, जो कंझावाला तक है. इस सड़क की हालत इतनी जर्जर है कि ये समझ नहीं आता कि सड़क में गड्डे है या सड़क गड्डों में है. सड़क से गुजर रहे वाहन यहां हिचकोले लेते हुए इस सड़क की दयनीय स्थिति को बयां करने के लिए काफी है. कई बार तो ऐसा होता कि इन्हीं गड्डो की वजह से सड़क हादसे भी हुए हैं. अब आलम यह है कि इस सड़क पर व्यापारी दुकान खोलकर बैठे है, लेकिन कुछ कारोबार नहीं हो रहा है. बावजूद इसके प्रशासन मामले को ठंडे बस्ते डाल कर सोया हुआ है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस सड़क की यह स्थिति लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन प्रशासन आंख मूंद कर सोया हुआ है.
गौरतलब है कि दिल्ली का यह कंझावला रोड जहां एक तरफ बाहरी रिंग रोड को जोड़ता है तो वहीं दूसरी ओर यह सड़क दिल्ली देहात के रास्ते होते हुए कंझावला और जयंती के रास्ते हरियाणा को भी जोड़ती है. ऐसे में इस सड़क की यह दयनीय स्थिति शासन और प्रशासन के उन दावों को भी खोखला साबित करने पर आमादा है, जिसमें दिल्ली की सड़कों को मॉडल सड़क बनाने का दावा किया जाता है. लिहाजा जरूरी है कि प्रशासन अपनी कुंभकर्णीय नींद से जाग कर इस ओर अपना ध्यान आकर्षित करें. ताकि यहां से गुजरने वाले वाहन चालक एक सुरक्षित यात्रा महसूस कर सके.