नई दिल्ली: राजधानी के कंझावला इलाके में मिली युवती के शव के मामले में एक चश्मदीद के बयान ने इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े (questions on working style of police) किए हैं. चश्मदीद के मुताबिक पुलिस की तरफ से इस मामले में कई लापरवाही बरती गई है. चश्मदीद के कई बार फोन करने के बावजूद पुलिस समय पर नहीं पहुंची.
राजधानी दिल्ली में नए साल के आगाज पर दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. इंसानियत को शर्मसार करते हुए कंझावला इलाके में एक युवती का शव मिला, जिसके तन पर कपड़े भी नहीं थे. इस मामले में हर पल नए खुलासे सामने आ रहे हैं. मेडिकल रिपोर्ट में डॉक्टर ने केवल लड़की के सिर पर लगी चोट का जिक्र किया है. फिलहाल इस घटना से संबंधित एक चश्मदीद सामने आया है. चश्मदीद का कहना है कि जिस वक्त उसने दुकान खोला उसी वक्त उसने देखा कि एक ग्रे कलर की बलेनो गाड़ी में एक डेड बॉडी फंसी हुई है.
चश्मदीद का दावा है कि कार के नीचे डेड बॉडी फंसे होने की सूचना 112 नंबर पर फोन करके दी. चश्मदीद दीपक का कहना है कि सवा तीन बजे अपनी आंखों से उसने देखा कि जिसके बाद उसने पुलिस को सूचित किया. चश्मदीद के मुताबिक करीब दो बार बलेनो गाड़ी ने यू टर्न लिया. इस बीच भी दीपक ने पुलिस को कई बार फोन किया, बावजूद इसके पुलिस की इस मामले में लापरवाही देखने को मिली. चश्मदीद के इस बयान से पुलिस की कार्यशैली पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
आपको बता दें कि सुरक्षा के मद्देनजर 31 दिसंबर की रात को अलर्ट मोड़ पर थी, तो इतनी बड़ी घटना कैसे हो गई यह सबसे बड़ा सवाल है. उस पर इतनी हाई सिक्योरिटी के दौरान जब युवती को कई किलोमीटर तक घसीटा गया तो इस बीच क्या कहीं भी पुलिस तैनात नहीं थी. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को दबोच लिया है, और इनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर अलग-अलग पहलुओं से पूरे मामले की जांच में जुट गई है.
वहीं इस मामले में जिले के डीसीपी हरेंद्र सिंह के मुताबिक रविवार तड़के करीब 3.24 बजे रोहिणी जिले के कंझावला थाने को किसी ने सूचना दी कि एक ग्रे कलर की बलेनो कार कुतुबगढ़ की तरफ जा रही है और उसमें एक शव लटक रहा है. साथ ही गाड़ी का पता लगाने की कोशिश तेज कर दी. डीसीपी के मुताबिक कार का पता लगाकर अवंतिका से बरामद कर लिया गया. इस मामले में अब खुलासा हुआ है कि कार को विजय विहार का एक परिचित लेकर गया था जो आरोपियों का दोस्त बताया जा रहा है. पुलिस ने घटना के दौरान कार में सवार एक-एक कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इसके अलावा यह भी खुलासा हुआ है कि जो शख्स गाड़ी चला रहा था उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था. हालांकि पुलिस द्वारा इस मामले में लीपापोती करते हुए किसी अन्य का लाइसेंस लगाकर उसे ड्राइवर के तौर पर दिखाया गया.
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