नई दिल्ली: इंद्रलोक इलाके में रह रहे लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्थानीय निवासियों ने ईटीवी भारत के सामने अपनी समस्याएं बताईं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि सारी सराकारों ने हमें मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया है. इस पर कभी ध्यान नहीं दिया गया.
1976 में बसाया गया था इंद्रलोक इलाका
स्थानीय निवासी कफील अहमद अंसारी बताते हैं कि इमरजेंसी के दौरान इस इलाके को बसाया गया था. हम लोग सदर बाजार की सराय खलील में रहते थे. उस वक्त की सरकार ने हमें सारी सुविधाएं देने का भरोसा दिलाया था.
उन्होंने बताया कि इस पूरे इलाके में कहीं भी मोहल्ला क्लीनिक नहीं खोले गए. हालांकि एक डिस्पेंसरी है. वहां पर भी दवाइयां नहीं मिलती हैं. वहीं बस स्टैंड है, तो यहां पर शेल्टर और कुर्सियां नहीं है.
'प्रभावित रहती है पानी की आपूर्ति'
मोहम्मद शाहीन के मुताबिक पूरे इलाके में आमतौर पर पानी की आपूर्ति प्रभावित रहती है और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं है. उन्होंने बताया कि यहां पर पानी की टंकी का साल 1975 में निर्माण किया गया था. उस वक्त पानी टैंक में 10,000 लोगों को पानी की आपूर्ति करने की क्षमता थी. लेकिन आज 50,000 से अधिक निवासी क्षेत्र में रह रहे हैं और आज तक पानी की टंकी को बदला नहीं गया है. जिसके कारण लोगों को समय पर पीने के पानी की सुविधा नहीं हो पाती है.
'पार्कों पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा'
हाजी अनीस अहमद ने बताया कि साल 1975 में जब हम लोगों को बसाया गया था. तो क्षेत्र में 125 पार्कों को नक्शे पर दिखाया गया था. लेकिन दुख की बात ये है कि आज सभी पार्क असामाजिक तत्वों के कब्जे में है.
गलियों और सड़कों में यातायात प्रभावित
हाजी रफीक ने बताया कि इंदरलोक के आसपास 10 फुट दुकानदारों ने दुकानें आगे निकाल रखी हैं, एमसीडी पुलिसकर्मियों की लापरवाही के कारण यहां पर यातायात प्रभावित है इन मामलों में नेताओं की चुप्पी खेद जनक है.
'इलाके में सही नहीं है सीवरेज सिस्टम'
एक और निवासी मोहम्मद रईस ने बताया कि इलाके में सीवरेज का गन्दा पानी जमा होने के कारण बड़ी संख्या में लोग बहुत सी बीमारियों से पीड़ित हैं. आसपास गंदगी के ढेर हैं और कई गलियां में लोग बहुत सी बीमारियों से पीड़ित हैं. उन्होंने संबंधित अधिकारियों से इस पर ध्यान देने की मांग की कि हमारी समस्याओं को हल करने के लिए आगे आए.