नई दिल्ली: राजधानी के सभी बॉर्डर पर किसान आंदोलन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार एमएसपी, बिजली के बिल और पराली को लेकर कोई समाधान निकालें. साथ ही आंदोलनकारी किसानों ने कहा कि किसान अपने हक के लिए सुप्रीम कोर्ट भी नहीं जाएंगे, क्योंकि वह लोग काम करने में विश्वास रखते हैं ना कि कोर्ट जाने में. बता दें कि पंजाब की एक अज्ञात संस्था सुप्रीम कोर्ट गई है, लेकिन किसानों का कहना है कि उसे कोई नहीं जानता और उसका कोई अस्तित्व भी नहीं है.
बुराड़ी ग्राउंड में बैठे आंदोलनकारी किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने किसानों के ऊपर काले कानून कृषि बिल के नाम पर थोप दिए, जिससे किसान परेशान हैं. किसानों को पराली और बिजली के मोटे बिलों को लेकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली के आसपास के सभी बॉर्डर पर किसान हजारों की संख्या में बैठे हुए हैं. जिसको लेकर किसानों का कहना है कि वह यहां से जल्दी हटने वाले नहीं है. भारत सरकार को किसानों को लेकर कोई ना कोई समाधान जल्द और जरूरी निकालना होगा ताकि किसानों को कृषि कानून से राहत मिले.
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'सरकार और किसानों के बीच कोई समाधान नहीं हुआ'
किसी संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में किसान बिल को लेकर याचिका दायर की हुई है जिस पर आज सुनवाई होनी है. इस मामले पर किसानों का कहना है कि कोई भी किसान सुप्रीम कोर्ट के ऊपर आस लगाए नहीं बैठा है. वह केवल अपना काम कर रहा है और सरकार को जल्द से जल्द किसानों के समाधान के लिए काम करना चाहिए. दिल्ली के बॉर्डर सहित बुराड़ी ग्राउंड में किसानों को आज आंदोलन के लिए धरने पर बैठे हुए 21 दिन हो गए हैं और अभी तक कृषि बिल को लेकर सरकार और किसानों के बीच कोई समाधान भी नहीं हुआ है.