नई दिल्ली: बीते दिनों राजधानी के मुखर्जी नगर इलाके में गर्ल्स पीजी में आग लगने की घटना के बाद क्षेत्र में आग से बचाव के इंतजामों पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं. घटना के बाद कहा जा रहा है कि इसकी जांच की जा रही है, लेकिन यह जांच किस दिशा में जा रही है इसका कुछ पता नहीं है. इस बीच यहां की पीजी में रहने वाली एक छात्रा ने इसे लेकर कई खुलासे किए.
पीजी में रहने वाली छात्रा पूजा ने बताया कि मुखर्जी नगर इलाके में हालात बहुत बुरे हैं. यहां कमरे का किराया इतना अधिक होता है कि उसका वहन एक छात्र नहीं कर सकता. इसलिए एक ही कमरे में दो-तीन छात्रों को रहना पड़ता है. मकान मालिक छात्रों से मनमाना किराया वसूलते हैं, लेकिन सुरक्षा के नाम पर उनकी जान के साथ सिर्फ खिलवाड़ किया जाता है. उसने बताया कि यहां घरों में छोटे- छोटे कमरे बनाकर छात्रों ने मनामाना किराया वसूला जाता है. इतना ही नहीं, बिल्डिंग में एग्जिट गेट भी नहीं होता कि आग लगने पर वहां से निकला जा सके.
उसने यह भी बताया कि कमरा ढूंढने के लिए बिचौलियों को पैसे देने के साथ, कमरे के लिए सिक्योरिटी जमा कराई जाती है. हालांकि यदि कोई हादसा हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी भी छात्र की ही है. कोचिंग व पीजी में आग लगने की घटनाओं से सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठे परिजना सहम जाते हैं, लेकिन दूसरी तरफ सरकार व सबंधित एजेंसिया केवल खानापूर्ति करती हैं और फिर बात ठंडे बस्ते में चली जाती है. उसने कहा कि सरकार को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए.
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