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बढ़ा यमुना का जलस्तर, सामान को बचाने के चक्कर में पानी में फंसे किसान - etv bharat

दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. किसान अपने सामान को बचाने के चक्कर में जान जोखिम में डाल रहे हैं.

बढ़ा यमुना का जलस्तर, सामान को बचाने के चक्कर में पानी में फंसे किसान, etv bharat
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Published : Aug 20, 2019, 8:01 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. पानी का स्तर बढ़ने से एक किसान और उसकी पत्नी अपने खेत में बने कमरे से सामान निकालने गए थे और उस पानी के बीच में फंस गए.

सामान को बचाने के चक्कर में जान जोखिम में डाल रहे हैं किसान

इसी बीच यमुना किनारे पर तैनात सिविल डिफेंस के जवानों ने इन किसानों को देखा और अधिकारियों को इसकी सूचना दी. मौके पर डिजास्टर मैनेजमेंट, पुलिस और दमकल की गाड़ियां पहुंची और नाव के सहारे किसान और उसकी पत्नी को बाहर निकाला गया.

सामान को बचाने की कोशिश कर रहे थे किसान
बता दें कि यहां प्रशासन काफी सख्त है और किसानों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है क्योंकि किसान अपना कुछ सामान बचाने के चक्कर में अपनी जान जोखिम में डाल सकते हैं.

यमुना का पानी किनारों पर बनाए पुश्ते (बाढ़ को रोकने के लिए) तक ही पहुंचा है. जो करीब 8 फीट ऊंचे हैं. अभी पानी को इतना चढ़ने में काफी वक्त लगेगा. इसलिए रियासी इलाकों में यमुना का अभी तक कोई खतरा नहीं है. लेकिन प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि कुछ लोग बार-बार अपने खेतों में यमुना के अंदर जा रहे हैं और उन लोगों की कोशिश है कि डिजास्टर मैनेजमेंट के कर्मचारियों को बिना दिखाई दिए वे अपने खेत में जाएं.

जगह जगह तैनात हैं सिविल डिफेंस कर्मचारी
किसानों का मानना है कि वे तैरकर बाहर आ जाएंगे, वे डूब नहीं सकते पर सरकारी अमला किसी भी तरह का रिस्क नहीं उठाना चाहता क्योंकि पानी तेजी से बढ़ रहा है. किसी की जान ना चली जाए इसलिए प्रशासन ने यमुना किनारे जगह-जगह पर सिविल डिफेंस कर्मचारी डिजास्टर मैनेजमेंट और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात किए हैं. जिस किसान को इस बाढ़ से बचाया गया, उसका कहना है कि वह कमरे से सामान लेने के लिए गया था तभी बहाव तेज हो गया.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. पानी का स्तर बढ़ने से एक किसान और उसकी पत्नी अपने खेत में बने कमरे से सामान निकालने गए थे और उस पानी के बीच में फंस गए.

सामान को बचाने के चक्कर में जान जोखिम में डाल रहे हैं किसान

इसी बीच यमुना किनारे पर तैनात सिविल डिफेंस के जवानों ने इन किसानों को देखा और अधिकारियों को इसकी सूचना दी. मौके पर डिजास्टर मैनेजमेंट, पुलिस और दमकल की गाड़ियां पहुंची और नाव के सहारे किसान और उसकी पत्नी को बाहर निकाला गया.

सामान को बचाने की कोशिश कर रहे थे किसान
बता दें कि यहां प्रशासन काफी सख्त है और किसानों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है क्योंकि किसान अपना कुछ सामान बचाने के चक्कर में अपनी जान जोखिम में डाल सकते हैं.

यमुना का पानी किनारों पर बनाए पुश्ते (बाढ़ को रोकने के लिए) तक ही पहुंचा है. जो करीब 8 फीट ऊंचे हैं. अभी पानी को इतना चढ़ने में काफी वक्त लगेगा. इसलिए रियासी इलाकों में यमुना का अभी तक कोई खतरा नहीं है. लेकिन प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि कुछ लोग बार-बार अपने खेतों में यमुना के अंदर जा रहे हैं और उन लोगों की कोशिश है कि डिजास्टर मैनेजमेंट के कर्मचारियों को बिना दिखाई दिए वे अपने खेत में जाएं.

जगह जगह तैनात हैं सिविल डिफेंस कर्मचारी
किसानों का मानना है कि वे तैरकर बाहर आ जाएंगे, वे डूब नहीं सकते पर सरकारी अमला किसी भी तरह का रिस्क नहीं उठाना चाहता क्योंकि पानी तेजी से बढ़ रहा है. किसी की जान ना चली जाए इसलिए प्रशासन ने यमुना किनारे जगह-जगह पर सिविल डिफेंस कर्मचारी डिजास्टर मैनेजमेंट और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात किए हैं. जिस किसान को इस बाढ़ से बचाया गया, उसका कहना है कि वह कमरे से सामान लेने के लिए गया था तभी बहाव तेज हो गया.

Intro:Northwest delhi,

Location - burari

बाइट -- यमुना से निकाला गया किसान ।
बाइट -- रवि कुमार, किसान को निकालने वाला सिविल डिफेंस का कर्मचारी

स्टोरी -- दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ा। यमुना किनारे खेतों में पानी घुसने से खेती हुई नष्ट । एक किसान और उसकी पत्नी अपने खेत में बने कमरे से सामान निकालने गए तो पानी काफी ज्यादा बढ़ गया और दोनों पानी के बीच में फस गए। यमुना किनारे पर तैनात सिविल डिफेंस के जवानों ने इन किसानों को देखा और अधिकारियों को इसकी सूचना दी। मौके पर डिजास्टर मैनेजमेंट , पुलिस और दमकल की गाड़ियां पहुंची और एक नाव के सहारे किसान और उसकी पत्नी को बाहर निकाला गया।

Body:यहां प्रशासन काफी सख्त है और किसानों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है क्योंकि किसान अपना कुछ सामान बचाने के चक्कर में अपनी जान जोखिम में डाल सकते हैं । यमुना का पानी किनारों पर बनाये पुश्ते तक ही पहुंचा है। पुश्ते करीब 8 फीट ऊंचे है अभी पानी को इतना चढ़ने में काफी वक्त लगेगा। इसलिए रियासी इलाकों में यमुना का अभी तक कोई खतरा नहीं है। लेकिन प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि कुछ लोग बार-बार अपने खेतों में यमुना के अंदर जा रहे हैं और उन लोगों की कोशिश है कि डिजास्टर मैनेजमेंट के कर्मचारियों को बिना दिखाई दिए वे अपने खेत में जाएं। किसानों का मानना है कि वे तैरकर बाहर आ जाएंगे वे डूब नहीं सकते पर सरकारी अमला किसी भी तरह का रिस्क नहीं उठाना चाहता क्योंकि पानी तेजी से बढ़ रहा है। किसी की जान ना चली जाए इसलिए प्रशासन ने यमुना किनारे जगह-जगह पर सिविल डिफेंस कर्मचारी डिजास्टर मैनेजमेंट और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात किये है। जिस किसान को इस बाढ़ से बचाया गया उसका कहना है कि वह कमरे से सामान लेने के लिए गया था तभी बहाव तेज हो गया।

Conclusion:जरूरत है किसान और मजदूर भी अपनी जिंदगी का रिस्क न उठाएं। कुछ सामान बचाने के चक्कर में कहीं अपनी जान न गंवानी पड़ जाए इसलिए जरूरत है वह सरकार के नियमों का पालन करें और अंदर ना जाए।
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