नई दिल्ली: सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन समाप्ति की ओर है. किसान जो एक साल से धरने पर बैठे हुए थे कि किसान विरोधी कानूनों को वापस लिया जाए. सरकार द्वारा कानून वापस लिए जाने के साथ ही अब किसान दिल्ली से अपने-अपने गांव की ओर रुख करने लगे हैं. दिल्ली के सिंघु बॉर्डर के साथ-साथ तमाम बॉर्डर पिछले एक साल से बंद थे, जिसकी वजह से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. अब जिस तरह से किसान बॉर्डर खाली कर अपने घरों की ओर लौट रहे हैं, इसमें किसान सरकार के खिलाफ अपनी जीत मान रहे हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए किसानों ने बताया कि अभी एमएसपी की मांग को लेकर सरकार और किसान नेताओं की बातचीत चल रही है. उस पर भी जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है और सरकार ने किसानों की कुछ मांगें मान ली हैं. जब तक एमएसपी पर फैसला आएगा तब तक किसान बॉर्डर खाली नहीं करेंगे और किसान नेता लगातार सरकार से संपर्क बनाए हुए हैं कि एमएसपी पर भी जल्द से जल्द फैसला आ जाए.
हालांकि किसानों ने कहा कि सरकार यदि नहीं मानती तो किसान और भी लंबे समय तक बॉर्डर पर रुक सकते थे, लेकिन जब सरकार ने किसानों की मांगें मान ली हैं तो वह किसानों की जीत है.
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बीते एक साल से दिल्ली के सभी बॉर्डर बंद हैं, जिससे आम लोगों को दूसरे रास्तों से आना जाना पड़ता था. अब धीरे-धीरे बॉर्डर खुल जाएंगे और हालात फिर से सामान्य होंगे, जैसा एक साल पहले माहौल था उसी तरह का माहौल देखने को मिलेगा. किसान आंदोलन ने यह जता दिया कि किसान अपनी मांगें मनवाने के लिए लोग किस हद तक आगे बढ़ सकते हैं. किसानों के विरोध में बनाए जाने वाले कानूनों को रद्द कराकर ही किसानों ने दम लिया.
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अब किसानों की घर वापसी के बाद ही दिल्ली और आसपास के बॉर्डर के रास्ते साफ होंगे और किसान अपने नेताओं के साथ जश्न मना रहे हैं. किसान डीजे की थाप पर नाच रहे हैं, जो कि किसानों के लिए बड़ी जीत है और जब किसान दिल्ली में धरने के लिए आए थे. खुद उन्हें इतनी उम्मीद नहीं थी कि एक साल तक सरकार के सामने उन्हें रोकना पड़ेगा.