नई दिल्लीः राजधानी की सीमाओं पर किसान हक की आवाज उठाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. किसानों के साथ उन लोगों की भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं, जो लोग दिल्ली नहीं आ सके. सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनी लगाए एक शख्स ने बताया कि उनका बेटा कनाडा में रहता है. उन्होंने आंदोलन में शहीद हुए किसानों की पेंटिंग बनाकर भेजी है. वह आंदोलन में ये पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाकर लोगों को दिखा रहे हैं.
कर रहे भावनाओं को व्यक्त
ईटीवी भारत से बातचीत में प्रदर्शनी लगाने वाले सोढ़ी राणा ने बताया कि वह पंजाब से आए हुए हैं. उनका बेटा कनाडा में असिस्टेंट प्रोफेसर है. वह पेशे से आर्टिस्ट भी है. वह आंदोलन में दिल्ली आकर नहीं आ सका, तो कला और हुनर के जरिए उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहा है. किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों की पेंटिंग बनाकर भेजी है. वह इन पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लगाकर उन किसानों को याद कर रहे हैं, ताकि आंदोलन कर रहे लोगों को याद रहे कि हक की आवाज उठाने के लिए शहादत दी है.
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दलित समाज के उत्थान के लिए कर रहे है काम
उन्होंने बताया कि यह दलित समाज के उत्थान के लिए काम भी करते हैं. हर व्यक्ति हक की आवाज उठाने की कोशिश कर रहा है, जिसको मजबूत पक्ष द्वारा दबाए जाने की कोशिश की जाती है. आंदोलन को भी इसी तरह दबाया जा रहा है.