नई दिल्ली: दिल्ली सरकार 21 मार्च को दिल्ली का बजट पेश करेगी. यहां के किसानों को दिल्ली सरकार के बजट को लेकर खास उम्मीदें हैं. किसानों का कहना है कि दिल्ली में कई इलाकों में खेती होती है, लेकिन बुराड़ी इलाके को कृषि क्षेत्र का दर्जा ही प्राप्त नहीं है. बुराड़ी इलाका राजस्व विभाग के खाते के अनुसार सेंट्रल जोन में आता है और सेंट्रल जोन को दिल्ली सरकार खेत नहीं मानती. उनकी मांग है कि दिल्ली में किसानों को मिलने वाली सब्सिडी और बढ़ाई जाए, ताकि उनको बजट का फायदा मिल सके. आइए किसानों से जानते हैं कि दिल्ली सरकार के बजट से क्या है उनकी उम्मीदें.
ईटीवी भारत से बात करते हुए दिल्ली के बुराड़ी इलाके में यमुना किनारे खेती करने वाले किसानों ने कहा कि दिल्ली के बहुत सारे गांवों में खेती होती है. बुराड़ी इलाके में भी लोग बड़े स्तर पर खेती करते हैं और यह लोगों की आजीविका का साधन है. लेकिन दुर्भाग्य है कि बुराड़ी इलाके में खेती करने वाले किसानों को दिल्ली सरकार किसान ही नहीं मानती. किसानों की मांग है कि उन्हें किसानों का दर्जा मिलना चाहिए.
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किसानों ने बताया कि बाढ़ और बेमौसम बारिश की वजह से उनकी फसलें खराब हो जाती हैं, जिसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ता है. सरकार की तरफ से किसानों को कोई मदद नहीं मिलती. साथ ही दिल्ली में किसानों को खेती करने के लिए कृषि उपकरण हरियाणा, पंजाब व उत्तर प्रदेश सहित दूसरे इलाकों से खरीदने पड़ते हैं क्योंकि दिल्ली में कृषि यंत्रों पर किसानों को सब्सिडी नहीं मिलती. किसानों की मांग है कि सरकार दिल्ली के किसानों को सब्सिडी बढ़ाए. किसानों को खाद, बीज और यूरिया के लिए भी सब्सिडी दे.
किसानों का कहना है कि सरकार को अपनी कृषि नीति का क्रियान्वयन करना होता है तो उन्हें बुराड़ी इलाके की याद आती है. और जब किसानों को मुआवजा देने की बात आती है तो उन्हें किसान नहीं मानती, उन्हें मुआवजा नहीं देती. किसानों की सरकार से मांग है कि अपने बजट में उन्हें किसानों का दर्जा दे.
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