नई दिल्ली: लॉकडाउन और कोरोना के कहर को देखते हुए इस बार ईद-उल-फितर की नमाज मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घरों में ही रहकर अदा की. जहां पहले ईद का त्यौहार पूरे धूमधाम से मनाया जाता था. वहीं इस बार कोरोना के कारण लोगों ने इसे अपने-अपने घरों में ही मनाया और ईद की नमाज घर पर ही अदा की.
लोगों ने निर्देशों का किया पालन
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एकजुटता के साथ सरकार का समर्थन किया ताकि कोई भी नागरिक कोरोना की चपेट में न आ सके. यहां तक की सोशल डिस्टेंसिग का पालन करके लोगों ने ईद की नमाज अदा की. लॉकडाउन का असर बाजारों में भी देखा गया क्योंकि मुस्लिम भाईचारे के लोग ईद पर काफी ज्यादा शॉपिग करते हैं. लेकिन, इस बार बाजारों में भी सन्नाटा छाया रहा क्योंकि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस बार ईद पर कोई शॉपिग नहीं की.
ऐसे मनाई लॉकडाउन वाली ईद
ईद पर लोगों ने नये कपड़े पहने और घरों में विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए. ईद की नमाज लोगों ने घरों में ही अदा की और कोविड-19 संकट से देश के लोगों को बचाने और अमन-चैन की कामना की. वहीं इस ईद पर लोग गले नहीं मिले, लेकिन लोगों ने दिल से मुबारकबाद दी. कई लोग एक दूसरे के घर पर ईद की मुबारकबाद देने पहुंचे पर सोशल डिस्टेंसिंग का उन्होंने पालन किया. साथ ही घर-घर ईद की सेवइयां और अन्य तरह की मिठाइयां बनाई. बड़ों ने बच्चों को ईदी दी. ऐसा पहली बार हुआ होगा जब ईदगाह पर बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग एकत्रित होकर नमाज नहीं पढ़ सके.