नई दिल्लीः दिल्ली के रोहिणी इलाके में प्रशासन के एक तुगलकी फरमान ने हर किसी को हैरान और परेशान कर दिया. जिले के एसडीएम ने गुरुद्वारे को लेकर एक आदेश जारी किया. इसके बाद लोगों ने इस आदेश का जमकर विरोध किया. इस विरोध को देखते हुए डीएम ने इस आदेश को रद्द कर दिया. (DM withdraws order issued regarding Gurdwara in Rohini)
दरअसल, दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 21 में बीते दिनों एसडीएम शहजाद आलम ने गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में आने वाली संगतों की संख्या, खुलने का समय और शोर प्रतिबंध के संबंध में एक आदेश जारी कर दिया. एसडीएम के आदेश के मुताबिक, गुरुद्वारा में एक समय में 10 से अधिक व्यक्तियों को इकट्ठा नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा शाम को 7:15 से 8:15 बजे तक की सीमित समय सीमा के दौरान माइक के उपयोग के बिना गुरुद्वारा खोलने का आदेश जारी किया.
हालांकि, गुरुद्वारा साहिब रविवार को सुबह 6.45 बजे से 7.15 बजे तक खोला जा सकता है. इसके अलावा महिला श्रद्धालुओं को गुरुवार को दोपहर 3:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक बिना माइक के और सीमित शोर सीमा के भीतर पाठ/कीर्तन करने की अनुमति दी गई. जबकि गुरु नानक साहिब जी और गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर कोई समय सीमा नहीं होगी.
इस आदेश के बाद सिख समुदाय के लोगों में रोष व्याप्त हो गया. तमाम सिख समुदाय के लोगों ने इस आदेश को गलत बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग करने लगे. स्थानीय लोगों के साथ-साथ कई सामाजिक संस्था के लोगों ने भी इस आदेश का विरोध किया, जिसके बाद आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा. एसडीएम के इस आदेश को डीएम ने रद्द कर दिया. इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली.
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बहरहाल फिलहाल इलाके में शांति का माहौल स्थापित है और सिख समुदाय के लोगों ने भी इस बाबत लोगों से शांति की अपील की है. हालांकि शांति व्यवस्था कायम रखने के मकसद से दिल्ली पुलिस द्वारा भी समय-समय पर पेट्रोलिंग की जा रही है. किया जा रहा है, ताकि हर परिस्थिति में यहां पर शांति व्यवस्था और आपसी सौहार्द का माहौल बरकरार रहे.