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मकर संक्रांति पर भक्तों ने यमुना नदी में लगाई आस्था की डुबकी

मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) पर बड़ी संख्या में भक्तों ने यमुना नदी में डुबकी लगाई. भक्त बड़ी संख्या में वजीराबाद इलाके के यमुना घाट पहुंचे. जहां उन्होंने स्नान किया.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 15, 2024, 3:34 PM IST

नई दिल्ली: आज पूरे देश में मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) धूमधाम से मनाई जा रही है. आज गंगा या पवित्र नदीं में स्नान और दान-पुण्य का खासा महत्व है. स्नान के बाद काला तिल, गुड़, लाल चंदन, लाल फूल, अक्षत मिश्रित जल से सूर्य को नमस्कार कर जल अर्पित करना शुभ होता है. इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तों ने यमुना नदी में डुबकी लगाई. भक्त बड़ी संख्या में वजीराबाद इलाके के यमुना घाट पहुंचे. जहां उन्होंने जयकारा लगाकर स्नान किया.

मकर संक्रांति पर स्नान और दान का महत्व: मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. यह बहुत शुभ तिथि है, इसे देवताओं का दिन भी कहा जाता है. इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं. लोगों ने बताया कि मकर संक्रांति पर पवित्र नदी में स्नान और दान करने की परंपरा है. इस दिन नदी में स्नान के बाद दान करने से साधक के लोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं. साथ ही पिछले जन्म के बुरे कर्मों से निजात मिलती है. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से 10 अश्वमेध यज्ञ और 1000 गाय दान करने के समान पुण्य मिलता है.

लोगों को संक्राति को लेकर इस बार असमंजस था कि यह पर्व 14 को मनाया जाएगा या फिर 15 को. ज्योतिषविदों और पंचांग के अनुसार, 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है. बता दें कि मकर संक्रांति को वसंत ऋतु की शुरुआत और नई फसलों की कटाई का प्रतीक भी माना जाता है.

नई दिल्ली: आज पूरे देश में मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) धूमधाम से मनाई जा रही है. आज गंगा या पवित्र नदीं में स्नान और दान-पुण्य का खासा महत्व है. स्नान के बाद काला तिल, गुड़, लाल चंदन, लाल फूल, अक्षत मिश्रित जल से सूर्य को नमस्कार कर जल अर्पित करना शुभ होता है. इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तों ने यमुना नदी में डुबकी लगाई. भक्त बड़ी संख्या में वजीराबाद इलाके के यमुना घाट पहुंचे. जहां उन्होंने जयकारा लगाकर स्नान किया.

मकर संक्रांति पर स्नान और दान का महत्व: मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. यह बहुत शुभ तिथि है, इसे देवताओं का दिन भी कहा जाता है. इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं. लोगों ने बताया कि मकर संक्रांति पर पवित्र नदी में स्नान और दान करने की परंपरा है. इस दिन नदी में स्नान के बाद दान करने से साधक के लोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं. साथ ही पिछले जन्म के बुरे कर्मों से निजात मिलती है. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से 10 अश्वमेध यज्ञ और 1000 गाय दान करने के समान पुण्य मिलता है.

लोगों को संक्राति को लेकर इस बार असमंजस था कि यह पर्व 14 को मनाया जाएगा या फिर 15 को. ज्योतिषविदों और पंचांग के अनुसार, 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है. बता दें कि मकर संक्रांति को वसंत ऋतु की शुरुआत और नई फसलों की कटाई का प्रतीक भी माना जाता है.

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